(बज़्म परवेज़) मुद्दतों रोया करोगे मेरे मर जाने के बाद, याद आएगी मेरी खुद पर गुजर जाने के बाद! एक ऐसा फेसला जो उम्र भर कर ना सका, जिसको मैं पा न सका, अपना कहलाने के बाद, होंठ भी खुश्क हो गए, आंख भी नम हो गयी, जान भी अब कंहा रही उस जान के जाने के बाद! फ़ासले ऐसे भी होंगे हम ने ये सोचा न था, रास्ता तकते रहेंगे उनके गुजर जाने के बाद! रात का माजरा किस से पूछूं "परवेज़", क्या बनी बज़्म पर मेरे आने के बाद! ©Written By PammiG #TereHaathMein