Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोचता हूँ,शीशा हो जाऊँ चाहूँ और रवाँ हो जाऊँ फिसलू

सोचता हूँ,शीशा हो जाऊँ
चाहूँ और रवाँ हो जाऊँ
फिसलूँ की,बस हवा हो जाऊँ,
मचलूँ, मदकूक फिरूँ,
चाहे कितना भी आमादा हो जाऊँ, 
सानी नहीं कोई यहाँ तेरा,
कि मिलूँ उसको और दफा हो जाऊँ, 
मैं सोचूँ बारे में तेरे तो, 
एहसास करता हूँ, 
क्यूँ ना मैं इस पल में,
कहीं किसी पिंजरे में सिर डाल दूँ,
और तेरे ना मिलने पर फ़ना हो जाऊँ,
फिर कहता है दिल एक तरफ़ की रुक,
इतनी जल्दी मत मर,
उसकी दी दवाई का,
असर बांकी ना रहेगा देर तक,
मौज़ूदा हालातों से लड़,
सब दिन हालात ऐसा ना रहेगा,
फिर मैं भी सिर खुजलाता हूँ और
सोचता हूँ,सच ही तो है,
पहले भी मेरे ख़याल बदले हैं,
खूबसूरत मोड़ों को देखकर,
तो क्या अब मुझे एक और मोड़ ना मिलेगा।
    ✍महफूज़  सोचता हूँ,शीशा हो जाऊँ
चाहूँ और रवाँ हो जाऊँ
फिसलूँ की,बस हवा हो जाऊँ,
मचलूँ, मदकूक फिरूँ,
चाहे कितना भी आमादा हो जाऊँ, 
सानी नहीं कोई यहाँ तेरा,
कि मिलूँ उसको और दफा हो जाऊँ, 
मैं सोचूँ बारे में तेरे तो,
सोचता हूँ,शीशा हो जाऊँ
चाहूँ और रवाँ हो जाऊँ
फिसलूँ की,बस हवा हो जाऊँ,
मचलूँ, मदकूक फिरूँ,
चाहे कितना भी आमादा हो जाऊँ, 
सानी नहीं कोई यहाँ तेरा,
कि मिलूँ उसको और दफा हो जाऊँ, 
मैं सोचूँ बारे में तेरे तो, 
एहसास करता हूँ, 
क्यूँ ना मैं इस पल में,
कहीं किसी पिंजरे में सिर डाल दूँ,
और तेरे ना मिलने पर फ़ना हो जाऊँ,
फिर कहता है दिल एक तरफ़ की रुक,
इतनी जल्दी मत मर,
उसकी दी दवाई का,
असर बांकी ना रहेगा देर तक,
मौज़ूदा हालातों से लड़,
सब दिन हालात ऐसा ना रहेगा,
फिर मैं भी सिर खुजलाता हूँ और
सोचता हूँ,सच ही तो है,
पहले भी मेरे ख़याल बदले हैं,
खूबसूरत मोड़ों को देखकर,
तो क्या अब मुझे एक और मोड़ ना मिलेगा।
    ✍महफूज़  सोचता हूँ,शीशा हो जाऊँ
चाहूँ और रवाँ हो जाऊँ
फिसलूँ की,बस हवा हो जाऊँ,
मचलूँ, मदकूक फिरूँ,
चाहे कितना भी आमादा हो जाऊँ, 
सानी नहीं कोई यहाँ तेरा,
कि मिलूँ उसको और दफा हो जाऊँ, 
मैं सोचूँ बारे में तेरे तो,
mahfuzmonu5015

Mahfuz nisar

New Creator

सोचता हूँ,शीशा हो जाऊँ चाहूँ और रवाँ हो जाऊँ फिसलूँ की,बस हवा हो जाऊँ, मचलूँ, मदकूक फिरूँ, चाहे कितना भी आमादा हो जाऊँ, सानी नहीं कोई यहाँ तेरा, कि मिलूँ उसको और दफा हो जाऊँ, मैं सोचूँ बारे में तेरे तो, #poem