कुछ देर हम भी वहां रुक गये जहाँ तुम खडे थे। देख कर तुझे रोता हम भी रो पड़े थे। सोचा शायद हमारी याद आयीं, पीछे मूड के देखा तो चार लोग हमें ही कंधे पे उठाकर ले जा रहे थें । -कुंजदीप