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तुझे बेवफ़ा या दगाबाज़ कहूँ, तेरी मुहब्बत को गुलाब क

तुझे बेवफ़ा या दगाबाज़ कहूँ,
तेरी मुहब्बत को गुलाब कहूँ।

झूठे थे वादे झूठी थी कसमें तेरी,
बता क्या इसे  मैं लाजवाब कहूँ।

©अनिल कसेर "उजाला"
  दगाबाज़

दगाबाज़ #शायरी

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