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ग़ज़ल दीप यादों के जलाकर देख लो । प्यार से हमको बुला

ग़ज़ल
दीप यादों के जलाकर देख लो ।
प्यार से हमको बुलाकर देख लो ।।

दौड़ आयेंगे एक ही आवाज में ।
जब करे दिल आजमा के देख लो ।।

ये वतन तो आज अपनी शान है ।
है कफ़न अपना तिरंगा देख लो ।।

हो अगर दुश्मन हमारे सामने ।
जान की बाजी लगाते देख लो  ।।

जान भी कुर्बान हँसकर हम करें ।
मातु से है प्रेम इतना देख लो ।।

मातु अपनी भारती अपनी यहाँ ।
भूलता ही मैं नहीं तुम देख लो ।।

जिस तरह से घात दुश्मन कर रहा ।
वार तुम ये आज अपना देख लो ।।

आज पुलवामा शहीदों का दिवस ।
पीठ खंजर है चुभा ये देख लो ।।

अश्रु लेकर कर प्रखर करता नमन ।
वीर वो माँ लाल के हैं देख लो ।।

१५/०२/२०२४   -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दीप यादों के जलाकर देख लो ।

प्यार से हमको बुलाकर देख लो ।।


दौड़ आयेंगे एक ही आवाज में ।

जब करे दिल आजमा के देख लो ।।
ग़ज़ल
दीप यादों के जलाकर देख लो ।
प्यार से हमको बुलाकर देख लो ।।

दौड़ आयेंगे एक ही आवाज में ।
जब करे दिल आजमा के देख लो ।।

ये वतन तो आज अपनी शान है ।
है कफ़न अपना तिरंगा देख लो ।।

हो अगर दुश्मन हमारे सामने ।
जान की बाजी लगाते देख लो  ।।

जान भी कुर्बान हँसकर हम करें ।
मातु से है प्रेम इतना देख लो ।।

मातु अपनी भारती अपनी यहाँ ।
भूलता ही मैं नहीं तुम देख लो ।।

जिस तरह से घात दुश्मन कर रहा ।
वार तुम ये आज अपना देख लो ।।

आज पुलवामा शहीदों का दिवस ।
पीठ खंजर है चुभा ये देख लो ।।

अश्रु लेकर कर प्रखर करता नमन ।
वीर वो माँ लाल के हैं देख लो ।।

१५/०२/२०२४   -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दीप यादों के जलाकर देख लो ।

प्यार से हमको बुलाकर देख लो ।।


दौड़ आयेंगे एक ही आवाज में ।

जब करे दिल आजमा के देख लो ।।

दीप यादों के जलाकर देख लो । प्यार से हमको बुलाकर देख लो ।। दौड़ आयेंगे एक ही आवाज में । जब करे दिल आजमा के देख लो ।। #शायरी