Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हारी यादें हैं या पुरवाई, जब चलती हैं तो तन

तुम्हारी यादें हैं या पुरवाई, 
जब चलती हैं तो
 तन से लिपट जाती हैं,
जैसे वो रेशमी साड़ी
ऊपर से हवा के झोंके 
चिंगारी बन आग भड़काते हैं
बस फिर समझ नहीं आता 
कहां जाऊं,
कैसे अपना हाल 
सुनाऊं?

©Neeti Yadav
  #rainfall 

 
#RadhaKrishna #poem #Poet #poetrymonth #nojoto