खुदगर्जों की बस्ती में गुजारा कैसे हो ? कलियों से घिरा भंवरा हमारा कैसे हो ? बदलते घर जो हैं अक्सर किरायेदार बनकर , यकीं उनकी वफाओं पर दुबारा कैसे हो ? बुझाए हैं कई शमां के लौ रहबर बनकर , कभी रौशन भला उनका सितारा कैसे हो?? कलियों से घिरा......?????? ravi ©Ravi Ranjan Kumar Kausik खुदगर्जों की बस्तीKiran