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रंग भर के चला जो ज़िंदगी में, वो शख़्स कुछ और था


रंग भर के चला जो ज़िंदगी में, 
वो शख़्स कुछ और था, रंग
उड़ा कर ले गया जो ज़िंदगी से
वो शख़्स कोई और था, फर्क
था, बस नियत का,जो दगा दे
गया,फर्क था,एक ईमान  का,
जो वफा दे गया, रंग भर के चला जो 
ज़िंदगी में, वो शख़्स कुछ और था 
एक ने मिसाल दी जीने की तो, 
एक ने सवाल दिया जीने का
 दोनों में फ़र्क था, एक ने बेइंतहा
मोहब्बत दी , तो एक ने , जख्मों से
ज़िंदगी को भर दिया, रंग भर के चला
जो, ज़िंदगी में, वो शख्स कुछ और था...

©पथिक..
  #moonnight #thaoughts