घर-घर में देखो फूट पिया, हर-घर में देखो फूट प्रिया।
भाई,भाई से क्यूँ लड़ता, नफऱत का अतिशय घूट पिया।
पत्नी, पति से यह कहती है, अब मुझसे यहाँ न जाए जिया।
संग तेरे ही जियूंगी अब, चल ले चल मुझको साथ पिया।
-शैलेन्द्र
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