आज क़लम ने ठाना है,अक्षरनोक्ति वीरता भरे वीरो की शहादत में, स्याही का रंग रंगीन करे कागज़ तो मात्र उन जाबाज की शहादत में, रक्तरंजित हो चुकी जिनकी काया दुआ निकलेगी उनकी इबादत में, कण कण देह का बिन मोह बहाते है,शतबार नमन उनकी करामात में तन मन आत्मा मनोभावों से वो अपना सर्वस्व न्यौछावर करते है, माँ भारती की आन बान में सरहद पर हिमपात के बीच पहरा देते है, शूरवीर, धीरवीर,साहस,सहस्रता का परिणाम ये नित देते रहते हैं, आँच न आ जाये आँचल पर वो जवानी रवानी की तरह बहाते है। #साहित्यिक_सहायक #sanjaysheoran #ritiksheoran #वतन #वीरता #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #india