कितने सुहाने थे वो बचपन के दिन ना शिक़वे ना शिकायत किसी से, न गम,ना मोहब्बत किसी से,, हर पल केवल शरारत और मस्ती के, हर लम्हें खुशियों के कितने अनोखे थे वो बचपन के दिन ।। कितने अनोखे थे वो बचपन के दिन