ऐ मित्र ! तुम हो बेहद खूबसूरत मुझको है तुम्हारी जरूरत जीवन के इस समर में कठिनाइयों से भरी डगर में तुम हो मेरे सहारे जैसे हो नदी के किनारे तुम सा सहज सरल सा व्यक्तित्व न मिला तुम सा तुम को सखा कहूँ या कहूँ पार्थ का सारथी तुम हो ममत्व की देवी मन उतारे तुम्हारी आरती। #शून्य #जीवनसमर #मित्र #ममत्व #नदीकेकिनारे #योरकोट_दीदी #योरकोट_हिंदी #मैंऔरमेरेएहसास