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था मेरे हाथ में एक फूल कभी, जो छूट गया न जाने कही,

था मेरे हाथ में एक फूल कभी,
जो छूट गया न जाने कही,
खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए,
तकता हूं उसकी राह कही,

वक्त बिताते बीत न जाए ये उम्र कही,
वो फूल सुर्खियों में गुम न जाए कही,
ओस की बूंद उसकी पंखुड़ियों पर,
जान न ले जाए मेरी कही,

नाजुक है, खूबसूरत भी है,
किसी की नज़र ना लग जाए कही,
मिले मुझे वो या ना मिले,
लेकिन गलत हाथों में न जाए कही,

था मेरे हाथ में एक फूल कभी,
जो छूट गया न जाने कही,
खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए,
तकता हूं उसकी राह कही,

©Ajay Chaurasiya फूल
था मेरे हाथ में एक फूल कभी,
जो छूट गया न जाने कही,
खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए,
तकता हूं उसकी राह कही,

वक्त बिताते बीत न जाए ये उम्र कही,
वो फूल सुर्खियों में गुम न जाए कही,
ओस की बूंद उसकी पंखुड़ियों पर,
जान न ले जाए मेरी कही,

नाजुक है, खूबसूरत भी है,
किसी की नज़र ना लग जाए कही,
मिले मुझे वो या ना मिले,
लेकिन गलत हाथों में न जाए कही,

था मेरे हाथ में एक फूल कभी,
जो छूट गया न जाने कही,
खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए,
तकता हूं उसकी राह कही,

©Ajay Chaurasiya फूल