था मेरे हाथ में एक फूल कभी, जो छूट गया न जाने कही, खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए, तकता हूं उसकी राह कही, वक्त बिताते बीत न जाए ये उम्र कही, वो फूल सुर्खियों में गुम न जाए कही, ओस की बूंद उसकी पंखुड़ियों पर, जान न ले जाए मेरी कही, नाजुक है, खूबसूरत भी है, किसी की नज़र ना लग जाए कही, मिले मुझे वो या ना मिले, लेकिन गलत हाथों में न जाए कही, था मेरे हाथ में एक फूल कभी, जो छूट गया न जाने कही, खुशबू उसकी आज तक हाथों में लिए, तकता हूं उसकी राह कही, ©Ajay Chaurasiya फूल