प्रेम प्यारी कलम तुम हो तो सीख रहा हूँ, तुम हो तो मैं लिख रहा तुम रहना सदा मेरी आवाज़ बनके, तुम हो तो मैं दिख रहा कुमार ने अक्सर कलम को लिखा पर कुमार की कलम ने कुमार की कलम को ना लिखा तो आज का पूरा पत्र तुम्हारे नाम.. 'कुमार की कलम से कुमार की कलम को हाल - ए - दिल सुनाते हैं, थोड़ा बतियाते हैं..। तुम जानती हो सब, फिर भी कुछ सुनाता हूँ आओ करीब, तुम्हें कुमार का दिल दिखाता हूँ (पूरा पत्र अनुशीर्षक में) प्रेम प्यारी कलम तुम हो तो सीख रहा हूँ, तुम हो तो मैं लिख रहा तुम रहना सदा मेरी आवाज़ बनके,