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ना कभी तुम पर,टूटे दुःख मुसीबतों के पहाड़, रहते ख़

ना कभी तुम पर,टूटे
दुःख मुसीबतों के पहाड़,
रहते ख़ुदा से,दुआ मांगते।
मगर गुजर जाते तुम,
 तुफान, आधी जैसे,
खड़े रह जाते हम ,
राह तुम्हारा ताकते।

कैसे बताऊं मैं,
 बीती जो मेरे साथ,
करता कोशिश,
ना बात बता सकता।
रखा था जिसे,
 जान से ज्यादा संभाल कर, 
दिल की कोठी में,
ना कभी वो हमारे लिए परेशान होती।
मुस्कान तेरी जान मेरी, पहचान मेरी,
तुफ़ान में, एक दूसरे को पकड़े खड़े थे।
ना कभी डोले, बेशक भोले, ना बुरा बोले,
ना घबराये,अपनी बात पर अड़े थे।
सोच रहे थे हर पल, 
जैसे कल, बीते अपना पल,
बेशक होई बरसात, ओले पड़े थे।

©Sarbjit sangrurvi ना कभी तुम पर,टूटे
दुःख मुसीबतों के पहाड़,
रहते ख़ुदा से,दुआ मांगते।
मगर गुजर जाते तुम तुफान, आधी जैसे,
खड़े रह जाते हम ,
राह तुम्हारा ताकते।

कैसे बताऊं मैं, बीती जो मेरे साथ,
ना कभी तुम पर,टूटे
दुःख मुसीबतों के पहाड़,
रहते ख़ुदा से,दुआ मांगते।
मगर गुजर जाते तुम,
 तुफान, आधी जैसे,
खड़े रह जाते हम ,
राह तुम्हारा ताकते।

कैसे बताऊं मैं,
 बीती जो मेरे साथ,
करता कोशिश,
ना बात बता सकता।
रखा था जिसे,
 जान से ज्यादा संभाल कर, 
दिल की कोठी में,
ना कभी वो हमारे लिए परेशान होती।
मुस्कान तेरी जान मेरी, पहचान मेरी,
तुफ़ान में, एक दूसरे को पकड़े खड़े थे।
ना कभी डोले, बेशक भोले, ना बुरा बोले,
ना घबराये,अपनी बात पर अड़े थे।
सोच रहे थे हर पल, 
जैसे कल, बीते अपना पल,
बेशक होई बरसात, ओले पड़े थे।

©Sarbjit sangrurvi ना कभी तुम पर,टूटे
दुःख मुसीबतों के पहाड़,
रहते ख़ुदा से,दुआ मांगते।
मगर गुजर जाते तुम तुफान, आधी जैसे,
खड़े रह जाते हम ,
राह तुम्हारा ताकते।

कैसे बताऊं मैं, बीती जो मेरे साथ,

ना कभी तुम पर,टूटे दुःख मुसीबतों के पहाड़, रहते ख़ुदा से,दुआ मांगते। मगर गुजर जाते तुम तुफान, आधी जैसे, खड़े रह जाते हम , राह तुम्हारा ताकते। कैसे बताऊं मैं, बीती जो मेरे साथ, #Joker #ਜੀਵਨ