वो दर्द ही में पलता है, उसे दर्द भुलाना पड़ता है, अपनी हालात पे हमेशा ही सर झुकाना पड़ता है। खता किसी की हो, अबकी फिर साबित ये हुआ, हर हाल में मोल गुरबत ही को चुकाना पड़ता है।। परिस्थिति का गुरबत पे असर