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"मानसिक तनाव" बदलता दौर, बदलता जमाना, बदलते हमारे

"मानसिक तनाव"
बदलता दौर, बदलता जमाना,
बदलते हमारे जीने के तौर तरीके,
बदल रहा है इंसान, खुद को ढाल रहा है,
टेक्नोलॉजी और वक़्त की रफ़्तार में, 
भूल के अपनी शरीर की हालत। 

पैसे कमाने के चक्कर में इंसान भूल रहा है खुद को, 
और अपने परिवार और बच्चों को, 
पैसों की मोह माया में आज रहता है इंसान घर से दूर, 
ना मिलता है उसको अपनों का सहारा, 
ना ही मिलती है उसको बच्चों की झलक,
और ना चाह कर भी इंसान, 
खुद को तोल देता है मानसिक तनाव में,
मानसिक तनाव के कारण है तो अपार,
पारिवारिक समस्या, रिश्तो में दरार,
कामकाज का बोझ, बेरोज़गारी,
कई कारण असर करते हैं हमारे मन पर। 

तनाव के कारण इंसान पूरी नींद नहीं कर पाता,
इसके कारण उसके काम मे एकाग्रता नहीं रहती, 
इसलिए बन जाता गुस्से वाला और हताश इंसान,
वो नहीं लगा पाता किसी भी चीज में ध्यान, 
रहता है ऑफिस में मन में विचार होते हैं घर के, 
तनाव से वह दूसरे को नजरअंदाज करने लगता है, 
इसीलिए रह जाता है अकेला दुनिया के भीड़भाड़ मे। 

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, 
शारीरिक व्यायाम करें, ध्यान धरिए, योगा करें, संगीत सुनिये, परिवार के साथ समय बिताएं, और नियमित वाचन करें, अपनी भावनाओं को काग़ज पर लिखे, अच्छे दोस्त बनाये, संतुलित आहार ले, 
ऐसा करने से ही हम मानसिक तनाव के कारण, डिप्रेशन का भोग बनते खुद को बचा सकते हैं। 
-Nitesh Prajapati 




— % & "मानसिक तनाव"
#collabwithकोराकाग़ज़
#KKSC33
#मानसिकतनाव
#विशेषप्रतियोगिता
#कोराकाग़ज़
"मानसिक तनाव"
बदलता दौर, बदलता जमाना,
बदलते हमारे जीने के तौर तरीके,
बदल रहा है इंसान, खुद को ढाल रहा है,
टेक्नोलॉजी और वक़्त की रफ़्तार में, 
भूल के अपनी शरीर की हालत। 

पैसे कमाने के चक्कर में इंसान भूल रहा है खुद को, 
और अपने परिवार और बच्चों को, 
पैसों की मोह माया में आज रहता है इंसान घर से दूर, 
ना मिलता है उसको अपनों का सहारा, 
ना ही मिलती है उसको बच्चों की झलक,
और ना चाह कर भी इंसान, 
खुद को तोल देता है मानसिक तनाव में,
मानसिक तनाव के कारण है तो अपार,
पारिवारिक समस्या, रिश्तो में दरार,
कामकाज का बोझ, बेरोज़गारी,
कई कारण असर करते हैं हमारे मन पर। 

तनाव के कारण इंसान पूरी नींद नहीं कर पाता,
इसके कारण उसके काम मे एकाग्रता नहीं रहती, 
इसलिए बन जाता गुस्से वाला और हताश इंसान,
वो नहीं लगा पाता किसी भी चीज में ध्यान, 
रहता है ऑफिस में मन में विचार होते हैं घर के, 
तनाव से वह दूसरे को नजरअंदाज करने लगता है, 
इसीलिए रह जाता है अकेला दुनिया के भीड़भाड़ मे। 

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में, 
शारीरिक व्यायाम करें, ध्यान धरिए, योगा करें, संगीत सुनिये, परिवार के साथ समय बिताएं, और नियमित वाचन करें, अपनी भावनाओं को काग़ज पर लिखे, अच्छे दोस्त बनाये, संतुलित आहार ले, 
ऐसा करने से ही हम मानसिक तनाव के कारण, डिप्रेशन का भोग बनते खुद को बचा सकते हैं। 
-Nitesh Prajapati 




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#विशेषप्रतियोगिता
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