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Best विशेषप्रतियोगिता Shayari, Status, Quotes, Stories

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Kulbhushan Arora

ज़िंदगी... आग का दरिया है,
इससे सबको गुज़रना भी ही,
प्रश्न है की क्या किया जाए,
आओ ज़रा इस बात को
समझें कि आग ना जलाए,
दरअसल,
हम इस।आग को भड़काते हैं,
व्यर्थ चाहतें,व्यर्थ कामनाएं,
व्यर्थ की बहस और जाने क्या क्या,
मेरी मानो ना..
अपने दिल को वश में कर लो,
 नियंत्रण की रस्सी से बांध रखो,
ये मदमस्त हो जाता है 
अगर खुला छोड़ दो इसको,
हां और एक बात....
कर सको तो स्वयं से मित्रता
घनिष्ठ मित्रता करना...
आग का दरिया आसानी से पार हो जाएगा 1.   21/11/2021
#ज़िंदगी #आगकादरिया
#KKसांझ
#collabwithकोराकागज़ 
#KKकविसम्मेलन
#विशेषप्रतियोगिता
#कोराकागज़    #YourQuoteAndMine
Collaborating with सुशील कुमारी "सांझ"

Abhishek Trehan

कभी ज़िदंगी जी करके देखो
कभी कोई ख़ुशी पी करके देखो
बदल जाएगा जीने का नज़रिया
कभी ख़ुद से भी दोस्ती करके देखो

मिलेंगे कांटे भी राहों में लेकिन
कभी मुश्किलों में भी ख़ुशी चुनके देखो
रोते हुओं को हंसाना भी एक हुनर है
कभी किसी चेहरे की ख़ुशी बनके देखो

रूह से निकलकर जो पहुंचे ख़ुदा तक
कभी इबादत की वो बंदगी बनके देखो
जीते हैं ज़िदंगी में अपने ही लिए सब
कभी दूसरों के लिए ज़िंदगी बनके देखो...
© trehan abhishek






 #collabwithकोराकाग़ज़ #kksc16 #मुस्कुरातोसही #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #manawoawaratha #yqdidi #ज़िदंगी_जी_करके_देखो

Abhishek Trehan


दुनिया भी तेरी है,रास्ता भी तेरा है
मैं रातों का मुसाफ़िर हूँ,तू मंज़िलों का सवेरा है

जाना है किधर मुझे,ये भी तुम बता दो
मैं बहती हुई नदी हूँ,तू सागर कोई गहरा है

पत्तों को छूकर बूंदें,मिट्टी में मिल गई हैं
गुज़र गया है कोई लम्हा,बस बातें रह गई हैं

तक़दीर ने दिया था,तक़दीर ने लिया है
चंद लकीरों का खेल है सब नहीं किसी से कोई गिला है

हिचकियां भी आ रही हैं,पानी भी पिया है
उतरता नहीं है जो ज़हन से किसका वो चेहरा है

कितना और परखोगे,क्या इतना ही काफ़ी नहीं है
दुनिया भर की बंदिशें है और इश्क ये बहरा है....
© abhishek trehan







 #collabwithकोराकाग़ज़ #kksc15 #इश्क़कीहिचकियाँ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #manawoawaratha

Abhishek Trehan

दिल में तेरे खोट है,ज़ुबाँ पे तेरी प्यार है
कैसे तेरा सजदा करूँ,ये इश्क नहीं व्यापार है

धोखे यूं ही मिलते नहीं,किया हवाओं पर ऐतबार है
दुनिया का यही उसूल है,मिलते सच को जख़्म हज़ार हैं

ये वक्त-वक्त की बात है,एक निशान दाग़ बन गया
वफ़ा का रंग सफेद है,रंग झूठ के बेशुमार हैं

किसी से क्या शिकवा करें,शिकायत ही दुआ हो गई
तुम पलकें झुका कर चल दिए,हवाएँ भी धुआं हो गईं

बस एक सादगी के सिवा,कुछ और नहीं मेरे पास है
ये दुनिया बहुत रंगीन है सिर्फ शून्य ही निर्विकार है

आधा फलक पर चाँद है,आधा ही सच दिख रहा 
आधा ही तेरा इश्क था,हम तेरे शुक्रगुज़ार हैं...
© abhishek trehan



 #collabwithकोराकाग़ज़ #kksc14 #मोहब्बतमेंबग़ावत #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़ #manawoawaratha 
#yqdidi #yqbaba

Shree

अक्सर ऐसा देखा है, नाम के हो कर ये रिश्ते ना टूटते हैं, ना ही बिछड़ते हैं, टीस देते रहते हैं। ना उम्मीदें होती है, ना तो आज़माईश होती है, हर बार दुनिया के सामने बस नुमाईश होती है! Shree #विशेषप्रतियोगिता #rzलेखकसमूह #लेखनसंगी #YourQuoteAndMine #restzone #collabwithrestzone #rztask225

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अक्सर ऐसा देखा है, नाम के हो कर ये रिश्ते 
ना टूटते हैं, ना ही बिछड़ते हैं, टीस देते रहते हैं।
ना उम्मीदें होती है, ना तो आज़माईश होती है,
हर बार दुनिया के सामने बस नुमाईश होती है! अक्सर ऐसा देखा है, नाम के हो कर ये रिश्ते 
ना टूटते हैं, ना ही बिछड़ते हैं, टीस देते रहते हैं।
ना उम्मीदें होती है, ना तो आज़माईश होती है,
हर बार दुनिया के सामने बस नुमाईश होती है!
Shree 
#विशेषप्रतियोगिता 
#rzलेखकसमूह 
#लेखनसंगी

Shree

जी या मर रहा हूं! .............. बहरूपियों के संग बहरूपिया बन रहा हूं, ज्यादा चुप रह कर उनके जैसा दिख रहा हूं, हर बात में औकात आंकने की आदत सीख रहा हूं! कद-काठी, रंग-रूप, ऊंच-नीच तौलता हूं, किफायती हो सौदा पहले ही परखता हूं, #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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कभी रिश्ते, कभी रास्तों पर पलता रहा हूं,
आज सिक्कों की खनक, चमक ढूंढता हूं,
मशगूल वक्त से ज्यादा, 
क्या जाने, जी या मर रहा हूं!!
क्या जाने, जी या मर रहा हूं!!

अनुशीर्षक जी या मर रहा हूं!
..............
बहरूपियों के संग बहरूपिया बन रहा हूं,
ज्यादा चुप रह कर उनके जैसा दिख रहा हूं,
हर बात में औकात आंकने की आदत सीख रहा हूं!

कद-काठी, रंग-रूप, ऊंच-नीच तौलता हूं,
किफायती हो सौदा पहले ही परखता हूं,

Shree

महंगी ख्वाहिशें ................... कुछ ख्वाहिशें है जिनका मोल हमने खुद महंगा कर रखा है, कुछ तयशुदा है, कुछ समझ, नहीं पूछते बैठे...अच्छा किया है, इनकी प्यास कौन बुझाए, अब #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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कुछ ख्वाहिशें है जिनका मोल 
हमने खुद महंगा कर रखा है,
कुछ तयशुदा है, कुछ समझ, 
नहीं पूछते बैठे...अच्छा किया है,

इनकी प्यास कौन बुझाए, अब 
ये जाने तरस किसने लगाई है,
आब-सी ठंडक का मुन्तजिर, 
मौसमों का मुरीद दिल यहां है,

मेहरबान तर-बतर यादें हो या 
बातें, गज़ब फितूर जैसा तू है,
इस अंधियार में कैद मुस्कान 
को सूरज की लाली देने आया है,

इल्म हासिल करने की तलब में 
तेरी नज़र के ऐवज सजदा किया,
इश्तिहार सा छप गया वो किस्सा, 
यूंही चुपचाप आज फिर पढ़ लिया! महंगी ख्वाहिशें
...................
कुछ ख्वाहिशें है जिनका मोल 
हमने खुद महंगा कर रखा है,
कुछ तयशुदा है, कुछ समझ, 
नहीं पूछते बैठे...अच्छा किया है,

इनकी प्यास कौन बुझाए, अब

Shree

दहेज का नवरुप ...................... वो आई तो खुद आई, और लाई नहीं दहेज, समाज में ताव रखने को स्वागत किया खूब। कल-परसों में लगी जाने को दफ्तर हो तैयार, देहरी पर रखे कदम, कोई पूछे उसकी पगार, ठिठक कर खड़ी दो पल, थी झुकी-झुकी नजर, 'उबर' आई, देर हो रही, कह निकल पड़ी सफर, #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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वो आई तो खुद आई, और लाई नहीं दहेज,
समाज में ताव रखने को स्वागत किया खूब।
कल-परसों में लगी जाने को दफ्तर हो तैयार,
देहरी पर रखे कदम, कोई पूछे उसकी पगार,
ठिठक कर खड़ी दो पल, थी झुकी-झुकी नजर,
'उबर' आई, देर हो रही, कह निकल पड़ी सफर,
पूरे दिन बधाई सत्र के दौरान सोचे कई जवाब,

कोशिश नाकाम, पहुंचते ससुराल हुए खड़े कान,
बचकर निकली, सहमी थोड़ी, ज्यादा विचलित,
कमरे में जाकर पूछा, कहो क्यों पूछ रहे यह?
बिन सोचे, नि:संकोच उत्तर,"ये तुम्हारे परिवार,
हक है इतना तुम पर हम सब का, समझ लो।"
द्वंद मन में, नि:शब्द, आंखों और जबां को रोके,
"बाबा ने तो कभी ना पूछा क्यों ऐसा कोई सवाल!?" दहेज का नवरुप
......................
वो आई तो खुद आई, और लाई नहीं दहेज,
समाज में ताव रखने को स्वागत किया खूब।
कल-परसों में लगी जाने को दफ्तर हो तैयार,
देहरी पर रखे कदम, कोई पूछे उसकी पगार,
ठिठक कर खड़ी दो पल, थी झुकी-झुकी नजर,
'उबर' आई, देर हो रही, कह निकल पड़ी सफर,

Shree

दो मुख ......... भोले बन बोले नही, रखें छुपा मन की भाल, सिर पैर रख भागे, कोई पहचान जाये ताल। सत्य निरर्थक घूटे, #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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भोले बन बोले नही, 
रखें छुपा मन की भाल,
सिर पैर रख भागे, 
कोई पहचान जाये ताल।

सत्य निरर्थक घूटे,
झूठ आरोपित नित नए।
पल्लवित कुसुम कहे,
सुवासित हृदय हर्षित रहे।

सर्वगुणसंपन्न परमेश्वर
मूरत बन पूजित होए रहे।
रक्त जलधारा सी बहे,
मानव मंडल मूर्छित गिर रहे। 
 दो मुख
.........
भोले बन बोले नही, 
रखें छुपा मन की भाल,
सिर पैर रख भागे, 
कोई पहचान जाये ताल।

सत्य निरर्थक घूटे,

Shree

दुनियादारी .............. अपयश की आंच में शनै:-शनै: भाव पके, नमक थोड़ा ज्यादा शक्कर थोड़ा-थोड़ा, प्यार में ऐसी रफ्तार प्यास बनते ना देर लगे। #कोराकाग़ज़ #नववर्ष2022 #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #kka_journey_of_thoughts

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अपयश की आंच में
शनै:-शनै: भाव पके,
नमक थोड़ा ज्यादा 
शक्कर थोड़ा-थोड़ा,
प्यार में ऐसी रफ्तार
प्यास बनते ना देर लगे।

सरक कर सरपट सच,
मौन बन गौण रहे वह।
निर्गुण परमेश्वर मुंह तके,
रस-रंग-रुप हर ओर मंझे। 
धरा पुकारे, "ऐ अंबर बरस,
काहे जिए तरस-तरस!!" दुनियादारी
..............
अपयश की आंच में
शनै:-शनै: भाव पके,
नमक थोड़ा ज्यादा 
शक्कर थोड़ा-थोड़ा,
प्यार में ऐसी रफ्तार
प्यास बनते ना देर लगे।
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