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राम जी का जीवन भी क्या जीवन रहा होगा राजा होकर भ

 राम जी का जीवन भी क्या जीवन रहा होगा 
राजा होकर भी रंक का जीवन जिया होगा 
राजशाही ठाठ हो कर भी ठाठ न लगी होगी कभी 
कभी शिक्षा के लिये वन 
कभी वनवास के लिये वन 
कभी राज गद्दी पर होकर भी
 सिया बिन मन रहा वनवास में ...

राज धर्म के हेतु त्यागना पड़ा सिया को 
सारे साम्राज्य की भीड़ में 
राम मन सिया बिन कितना व्याकुल रहा होगा 
राम भी तो अकेले में सिया स्वप्न में भटक जाते होंगे ...
कल्पना में जब सिया से मिलते होगें 
सिया से कहते होंगें
 ......
पीताम्बरी सी तुम , तुमपर कितना चम चम करती है ये -
पीली साड़ी ....देह पर तुम्हारी .....
तुम्हारी यौवन देख !
दूर  कहीं  पीली सरसों  खेतों में सारे
 लहलहा जाएगी …….

जब राम ने सिया को पहनाए होंगे हरी चूड़ियां कलाइयों में.....
 सजा देख कलाइयां सिया की! 
राम ने कहा होगा 
तुम्हारी कलाइयों में हरी चूड़ियाँ देख -
सावन दौड़ा आएगा और ......
शर्माकर पेड़ सारे ......
ओढ़ लेंगे हरी चादर  ! 

जब राम ने सिया के
 माथे की दमकती हुई लाल बिंदिया
 चूमा होगा !
झूमता हुआ बसंत चला आया होगा 
और .....चारों ओर फूल रंग-बिरंगे खिल उठे होंगे .....
 ! 
मगर ........ 
वास्तव में ऐसा कुछ नहीं 
वंचित रहें प्रेम की मधुरता से 
राम सिया से सिया राम से 
सिया और राम के बिछरण से 
हृदय में गहरा रंज रहा होगा 
सरसों को .......
फूलों को......
बसंत और सावन को और पेड़ों को भी! 
और ......
मैं भी उन्हीं की तरह 
नियति के सिलौटी पर पीस गया हूँ 

मैं तो तुच्छ मानव हूँ 
शायद इन सब से कहीं गहरा रंज है मुझे... 
         #निशीथ

©Nisheeth pandey
  #ramsita 
 राम जी का जीवन भी क्या जीवन रहा होगा 
राजा होकर भी रंक का जीवन जिया होगा 
राजशाही ठाठ हो कर भी ठाठ न लगी होगी कभी 
कभी शिक्षा के लिये वन 
कभी वनवास के लिये वन 
कभी राज गद्दी पर होकर भी
 सिया बिन मन रहा वनवास में ...

#ramsita राम जी का जीवन भी क्या जीवन रहा होगा राजा होकर भी रंक का जीवन जिया होगा राजशाही ठाठ हो कर भी ठाठ न लगी होगी कभी कभी शिक्षा के लिये वन कभी वनवास के लिये वन कभी राज गद्दी पर होकर भी सिया बिन मन रहा वनवास में ... #lovequotes #Remember #कविता #safar #Ambitions #Likho #Streaks #निशीथ #merasheher #ManKeUjaale #UskeSaath

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