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White मन हर्षित तन पुलकित रोम रोम नैनन से नीर की फ

White मन हर्षित तन पुलकित रोम रोम
नैनन से नीर की फुहार जैसे हो रही
भोलीभाली मतवाली राधारानी गली गली
मोहन के नेह में निहाल जैसे हो रही।
बरसी बदरिया तो भीग गयो अंग अंग
नाचे यूं मगन हो मयूर जैसे हो रही
पैजनी के घुंघरू भी नाच रहे संग संग
प्रेम की दीवानी आज सुध बुध खो रही।


मेघ घिरे कारे कारे दमके बिजुरिया तो
लिपटी यूं मीत की बांहों का हार हो रही
लाज से लजाए नैनों से जो मिली अनुमति
अधरों से अधरों की मनुहार हो रही। 
वसन के भीतर जो उर्मि समाई थी वो
दहक - दहक अंगार जैसे हो रही।
लिपटी हुई थी ऐसे चंदन से अहि जैसे
रति प्राणवायु में हो बीज जैसे बो रही।


बेसरि से फिसली जो नाभि पे ठहर गई
सावन की बूंद देखो बेईमान हो रही।
बिंदिया माथे की लाज ढोते ढोते थक गई
चांदबाली केशों का घूंघट लेके सो रही।
कंगन कलाई में मगन भए चूड़ियां तो
बिन सहयोग कैसे निसहाय हो रही।
झांझर की अनबन घुंघरू से हो गई तो
सीतापुर में भी अब बरसात हो रही।

pragya Shukla, sitapur♥️

©#काव्यार्पण
  प्रेम की दीवानी आज सुध बुध खो रही
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#where_is_my_train  Anshu writer Sircastic Saurabh ꧁༒शिवम् सिंह भूमि༒꧂ #शून्य राणा **Dipa** S  ( Sirf tum )  Kumar Shaurya - @छोटे हार्दिक Er Aryan Tiwari Niaz (Harf) Kajal Singh [ ज़िंदगी ]  नंदी Yash Mehta Singh hanny