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न जाने वो कौन सी घड़ी थी, जब हम एक दूजे में घर कर

न जाने वो कौन सी घड़ी थी, जब हम एक दूजे में घर कर गए
न जाने वो कौन सी घड़ी थी, जब हम एक दूजे में घर कर गए 
आज भी अपना मकान एक हीं है, बस दरवाजे दो तरफ हो गए।

©Pinki Singh #Nojoto #लव #शायरी #poem
न जाने वो कौन सी घड़ी थी, जब हम एक दूजे में घर कर गए
न जाने वो कौन सी घड़ी थी, जब हम एक दूजे में घर कर गए 
आज भी अपना मकान एक हीं है, बस दरवाजे दो तरफ हो गए।

©Pinki Singh #Nojoto #लव #शायरी #poem