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जो बात कभी हमने ना दिल की मानी है । अब बात वही दिल

जो बात कभी हमने ना दिल की मानी है ।
अब बात वही दिलवर तुमको समझानी है ।।१

तुम पास नही लेकिन तस्वीर तुम्हारी है ।
दिल चाह उसे देखूँ यह पास निशानी है ।।२

तू एक नज़र देखे घायल हो जाता हूँ ।
तेरी नैन कटारी से  जान बचानी है ।।३

हम भूल नही सकते यादों का वह मौसम ।
जिंदा उससे मेरी यह प्रेम कहानी है ।।४

कुछ टूट गये पत्ते डाली से हैं गिरकर ।
अब याद सँजोती है जो चीज पुरानी है ।।५

कैसे कह दूँ मैं की दिल आज नही रोता ।
हर शाम इसी चौखट बहता फिर पानी है ।।६

क्यों चैन नही आता सब आज यही पूछे ।
कह दो कि दिवाना है यह इश्क़ निशानी है ।।७

हम लौट न पायेंगे तुम राह नही तकना ।
पर आज खुली खिडकी कह बात न मानी है ।।८

जब रक्त नही गिरता गिर जाते आसूँ है ।
कुछ लोग प्रखर को दिए आज निशानी है ।।९

१८/०९/२०२२    -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जो बात कभी हमने ना दिल की मानी है ।
अब बात वही दिलवर तुमको समझानी है ।।१

तुम पास नही लेकिन तस्वीर तुम्हारी है ।
दिल चाह उसे देखूँ यह पास निशानी है ।।२

तू एक नज़र देखे घायल हो जाता हूँ ।
तेरी नैन कटारी से  जान बचानी है ।।३
जो बात कभी हमने ना दिल की मानी है ।
अब बात वही दिलवर तुमको समझानी है ।।१

तुम पास नही लेकिन तस्वीर तुम्हारी है ।
दिल चाह उसे देखूँ यह पास निशानी है ।।२

तू एक नज़र देखे घायल हो जाता हूँ ।
तेरी नैन कटारी से  जान बचानी है ।।३

हम भूल नही सकते यादों का वह मौसम ।
जिंदा उससे मेरी यह प्रेम कहानी है ।।४

कुछ टूट गये पत्ते डाली से हैं गिरकर ।
अब याद सँजोती है जो चीज पुरानी है ।।५

कैसे कह दूँ मैं की दिल आज नही रोता ।
हर शाम इसी चौखट बहता फिर पानी है ।।६

क्यों चैन नही आता सब आज यही पूछे ।
कह दो कि दिवाना है यह इश्क़ निशानी है ।।७

हम लौट न पायेंगे तुम राह नही तकना ।
पर आज खुली खिडकी कह बात न मानी है ।।८

जब रक्त नही गिरता गिर जाते आसूँ है ।
कुछ लोग प्रखर को दिए आज निशानी है ।।९

१८/०९/२०२२    -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जो बात कभी हमने ना दिल की मानी है ।
अब बात वही दिलवर तुमको समझानी है ।।१

तुम पास नही लेकिन तस्वीर तुम्हारी है ।
दिल चाह उसे देखूँ यह पास निशानी है ।।२

तू एक नज़र देखे घायल हो जाता हूँ ।
तेरी नैन कटारी से  जान बचानी है ।।३