सच बेचना था ,पर सच के खरीद्दार न मिले।
ख़ुद को सच्चाई से सजाए थे, पर सच्चाई के दिलदार न मिले।।
नसीब ने जिससे भी मिलवाया , झूठ के जूतों पर खड़ा मिला।
बद्नसीबी कहे ख़ुद के नसीब को, 'झूठ' में यार 'सच' में दुश्मनी मिले।।
ईमान देकर ईमान न मिला, स्वार्थ के आगे कुछ भी नहीं मिला ।
जरूरत खत्म होते जुदा होते गए सब, ख़ुशी के बाजार में अश्क मिले।। #Artist#Raat#creative#शायरी#talaash#paani#FriendshipDay#Streaks#निशीथ#TereHaathMein#BehtaLamha#ChaltiHawaa