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कुंडलिया छंद हरियाली सब ओर है, वसुधा हुई विभोर।

कुंडलिया छंद 

हरियाली सब ओर है, वसुधा हुई विभोर। 
छाए नभ पर मेघ हैं, वन में नाचे मोर।। 
वन में नाचे मोर, सावन मास है आया। 
रिमझिम गिरती बूंद, सभी का मन हर्षाया।। 
कहे 'उषा' सुन मीत, झूमती डाली-डाली ।
आओ बैठो पास, सुखद लगती हरियाली।।

©Dr Usha Kiran #hariyali

#Hariyali

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