चाँद जब देखेगा तुमको चाँदनी बढ़ जाएगी। आप के आने से थोड़ी ज़िंदगी बढ़ जाएगी। बनके सुबहा ज़िंदगी की आप गर आ जाओगे। खुद फ़िज़ाओं में गुलों में ताज़गी बढ़ जाएगी। आप की नज़रों में सागर सी अजब गहराइयाँ। खुद भी तरसेगा समंदर तिश्नगी बढ़ जाएगी। डॉ तलत खान "साहिब" कोटा राजस्थान साहिब की कलम से!