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योग साधना का क्या कहना, इसे पूरे विश्व ने अपनाया ह

योग साधना का क्या कहना, इसे पूरे विश्व ने अपनाया है,
आयुर्वेद का ज्ञान भी भारत, पूरे दुनिया को सिखलाया है।

भारत दुनिया का विश्व गुरु, दिया ज्ञान जो कहलाया योग,
जो भी अपनाया साधना को, सबको कर देता यह निरोग।

योग अपना  प्रभाव सभी पर, समान रूप से दिखलाता है,
इस योग से हमारा  मानसिक  और  आध्यात्मिक नाता है।

भारत के इस अनमोल ज्ञान को, जो कोई भी अपनाया है,
तन मन स्वस्थ रहता उसका, निरोग रहती उसकी काया है।
 योग साधना से तन मन सधे, हम रहते हैं तंदुरुस्त।
मानसिक और आध्यात्मिक, ये चेतना करे दुरुस्त।।

मित्रों जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि आज विश्व योग दिवस है। पर आपको शायद यह पता न होगा कि योग का मतलब सिर्फ आसन नहीं होता। इसलिए योग को केवल रोग के साथ या स्वास्थ्य के साथ जोड़ना योग को कम आँकना होगा।
"संयोगो योगो इत्युक्ते जीवात्मा परमात्मनः" अर्थात जीव और शिव के संयोग को योग कहते हैं। आसन तो केवल उसका एक अंग है। लेकिन विश्व योग दिवस को शायद स्वास्थ्य के साथ जोड़ा है, परन्तु शारिरिक स्वास्थ्य के साथ ही साथ मानसिक तथा आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी सदैव सृदृढ़ बनाये रखने हेतु हमें इस योग साधना को स्वयं भी अपनाना है तथा जन जन में भी फैलाना है।।

👉तो आइए अब कुछ लिख जायें, आज इसी योग के योगासन का योगदान।।
कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
योग साधना का क्या कहना, इसे पूरे विश्व ने अपनाया है,
आयुर्वेद का ज्ञान भी भारत, पूरे दुनिया को सिखलाया है।

भारत दुनिया का विश्व गुरु, दिया ज्ञान जो कहलाया योग,
जो भी अपनाया साधना को, सबको कर देता यह निरोग।

योग अपना  प्रभाव सभी पर, समान रूप से दिखलाता है,
इस योग से हमारा  मानसिक  और  आध्यात्मिक नाता है।

भारत के इस अनमोल ज्ञान को, जो कोई भी अपनाया है,
तन मन स्वस्थ रहता उसका, निरोग रहती उसकी काया है।
 योग साधना से तन मन सधे, हम रहते हैं तंदुरुस्त।
मानसिक और आध्यात्मिक, ये चेतना करे दुरुस्त।।

मित्रों जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि आज विश्व योग दिवस है। पर आपको शायद यह पता न होगा कि योग का मतलब सिर्फ आसन नहीं होता। इसलिए योग को केवल रोग के साथ या स्वास्थ्य के साथ जोड़ना योग को कम आँकना होगा।
"संयोगो योगो इत्युक्ते जीवात्मा परमात्मनः" अर्थात जीव और शिव के संयोग को योग कहते हैं। आसन तो केवल उसका एक अंग है। लेकिन विश्व योग दिवस को शायद स्वास्थ्य के साथ जोड़ा है, परन्तु शारिरिक स्वास्थ्य के साथ ही साथ मानसिक तथा आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी सदैव सृदृढ़ बनाये रखने हेतु हमें इस योग साधना को स्वयं भी अपनाना है तथा जन जन में भी फैलाना है।।

👉तो आइए अब कुछ लिख जायें, आज इसी योग के योगासन का योगदान।।
कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-

योग साधना से तन मन सधे, हम रहते हैं तंदुरुस्त। मानसिक और आध्यात्मिक, ये चेतना करे दुरुस्त।। मित्रों जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि आज विश्व योग दिवस है। पर आपको शायद यह पता न होगा कि योग का मतलब सिर्फ आसन नहीं होता। इसलिए योग को केवल रोग के साथ या स्वास्थ्य के साथ जोड़ना योग को कम आँकना होगा। "संयोगो योगो इत्युक्ते जीवात्मा परमात्मनः" अर्थात जीव और शिव के संयोग को योग कहते हैं। आसन तो केवल उसका एक अंग है। लेकिन विश्व योग दिवस को शायद स्वास्थ्य के साथ जोड़ा है, परन्तु शारिरिक स्वास्थ्य के साथ ही साथ मानसिक तथा आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी सदैव सृदृढ़ बनाये रखने हेतु हमें इस योग साधना को स्वयं भी अपनाना है तथा जन जन में भी फैलाना है।। 👉तो आइए अब कुछ लिख जायें, आज इसी योग के योगासन का योगदान।। कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :- #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqhindi #bestyqhindiquotes #collabwithकाव्यपथिक #योगसाधना