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Neha Pathak
हर ग़म हर दर्द सह लेती हूं! पलकों में सपनों की लौ जला, बुझती जलती हूं! एक तू है नज़रे चुराता है मुझसे, बस तेरे ख़ातिर मैं आँखों में काजल लगाती हूं!! गम में भी खुशियों के, नज़्म गुनगुनाता रहा। सिर्फ़ तेरे ख़ातिर मैं, प्यार के गीत गाता रहा।। सौजन्य से:- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अनकही बातें किसी एक के लिए, .... यह कोई प्रतियोगिता नही और न ही "काव्य पथिक" किसी भी कवि/ कवियित्रियों को हार जीत के तराज़ू में तौलने को इक्षुक है, यहाँ लिखने और सीखने में रुचि रखने वालों के लिए प्रत्येक दिन सिर्फ एक विषय दिया जाता है, जिसे वो अपने लेखनी के माध्यम से सजाते व सँवारते हैं। "काव्य पथिक ™" आप सभी कलमकारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
गम में भी खुशियों के, नज़्म गुनगुनाता रहा। सिर्फ़ तेरे ख़ातिर मैं, प्यार के गीत गाता रहा।। सौजन्य से:- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अनकही बातें किसी एक के लिए, .... यह कोई प्रतियोगिता नही और न ही "काव्य पथिक" किसी भी कवि/ कवियित्रियों को हार जीत के तराज़ू में तौलने को इक्षुक है, यहाँ लिखने और सीखने में रुचि रखने वालों के लिए प्रत्येक दिन सिर्फ एक विषय दिया जाता है, जिसे वो अपने लेखनी के माध्यम से सजाते व सँवारते हैं। "काव्य पथिक ™" आप सभी कलमकारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
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मैं सोलह श्रृंगार कर पिया को लुभाने चली घूंघट में शर्माते मुखड़ा छुपाती हुए बढ़ी बिंदिया सजाते माथे पर, और सिंदूर की सुंदर लाली हाँथों में कंगना बजाते, पायल छनकाते शोर मचाती मेहंदी से हथेली पर पिया का नाम लिखती शिव की गोरी आज बन्धन को निभाते आगे बढ़ी पिया की लंबी उम्र के ख़ातिर आज मैं सोलह श्रृंगार में हर जन्म में गौरीशंकर से, ख़ुद के लिए मांगने चली! कर सोलह श्रृंगार सजनी, साजन को लुभाने चली। माँ "गौरा" से मांग वर, अपने वर की उम्र बढ़ाने चली।। सौजन्य से:- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ मन लुभावनी बातें .... यह कोई प्रतियोगिता नही और न ही "काव्य पथिक" किसी भी कवि/ कवियित्रियों को हार जीत के तराज़ू में तौलने को इक्षुक है, यहाँ लिखने और सीखने में रुचि रखने वालों के लिए प्रत्येक दिन सिर्फ एक विषय दिया जाता है, जिसे वो अपने लेखनी के माध्यम से सजाते व सँवारते हैं। "काव्य पथिक ™" आप सभी कलमकारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
कर सोलह श्रृंगार सजनी, साजन को लुभाने चली। माँ "गौरा" से मांग वर, अपने वर की उम्र बढ़ाने चली।। सौजन्य से:- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ मन लुभावनी बातें .... यह कोई प्रतियोगिता नही और न ही "काव्य पथिक" किसी भी कवि/ कवियित्रियों को हार जीत के तराज़ू में तौलने को इक्षुक है, यहाँ लिखने और सीखने में रुचि रखने वालों के लिए प्रत्येक दिन सिर्फ एक विषय दिया जाता है, जिसे वो अपने लेखनी के माध्यम से सजाते व सँवारते हैं। "काव्य पथिक ™" आप सभी कलमकारों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
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अपना रिश्ता कोई फ़रेब नहीं कोई हमे जुदा करे ऐसा कोई नहीं मेरी आत्मा तुझमे लिन है कान्हा तो राधा सुनो मेरा प्रेम नि स्वार्थ है, कोई धर्म कोई विधि मेरा मोहताज़ नहीं!! एक दूजे संग बीते ज़िन्दगी, ऐसा अपना रिश्ता बने अनोखा। हम एक दूजे के हो पूरक ऐसे, जैसे कि रहता है लिट्टी चोखा।। सौजन्य से :- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं अपने रिश्तों की मिठास कुछ चटपटे ढंग से, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
एक दूजे संग बीते ज़िन्दगी, ऐसा अपना रिश्ता बने अनोखा। हम एक दूजे के हो पूरक ऐसे, जैसे कि रहता है लिट्टी चोखा।। सौजन्य से :- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं अपने रिश्तों की मिठास कुछ चटपटे ढंग से, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
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एक एक बूंद को तरस जाओगे जो यूं बर्बाद कर रहे हों, प्यासे रह जाओगे जब भूख तुम्हें सताएगी, एक बूंद को भी ना पाओगे सम्भल जाओ, अभी वक़्त है, वर्ना मौत भी नसीब ना होगी फ़िर मौत को भी तरस जाओगे!! एक एक बूंद बचाने ख़ातिर, जल संरक्षण अपनाओ। खुद से करो शुरू यह कार्य, लोगों तक भी पहुँचाओ।। सौजन्य से:- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ जल संरक्षण की बातें, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
एक एक बूंद बचाने ख़ातिर, जल संरक्षण अपनाओ। खुद से करो शुरू यह कार्य, लोगों तक भी पहुँचाओ।। सौजन्य से:- काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ जल संरक्षण की बातें, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
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मैंने जाना ना अपना पराया, जिसने मुझे खुब हँसाया जिसने सही गलत है बताया जिसने दुःख में है साथ निभाया, वो ही कहलाया अपना, जिसने मेरी हर स्थिति में मज़ाक बनाया वो ही था पराया!! कैसे एक ही पल में मुझको तुमने, अपना पराया जता दिया। दिल में किसके है कितनी चाहत, भेद ये मुझको बता दिया।। सौजन्य से: काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अपनो की परायी बातें, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
कैसे एक ही पल में मुझको तुमने, अपना पराया जता दिया। दिल में किसके है कितनी चाहत, भेद ये मुझको बता दिया।। सौजन्य से: काव्य पथिक™ 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अपनो की परायी बातें, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
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कुछ यूँ याद रहता है मानो रोम रोम राम बसा कण कण मे घनश्याम बसा है तेरी भक्ति से मुझे शक्ति मिलती तेरी शक्ति मुझे कमज़ोर ना होने देती कान्हा तेरे बाँसुरी की धुन अब मैं नींद में भी हूं सुनती तूने जो छेड़ा कृष्ण... रंगीन बागों में मैं अकेली ही खुब हूं झूमती.... लगी लगन तेरी भक्ति की, तुझमें पावन आसक्ति की। दुनिया मे सत्य की राह चलू, ऐसे संकल्पित शक्ति की।। :- काव्य पथिक Team 👉आइए आज लिखते हैं कुछ ऐसे ही अपने विस्वास व हिम्मत देने वाले अपनो के बारे में चाहे वो माँ स्वरूप हो, गुरु हो, मित्र हो या सहचरी, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
लगी लगन तेरी भक्ति की, तुझमें पावन आसक्ति की। दुनिया मे सत्य की राह चलू, ऐसे संकल्पित शक्ति की।। :- काव्य पथिक Team 👉आइए आज लिखते हैं कुछ ऐसे ही अपने विस्वास व हिम्मत देने वाले अपनो के बारे में चाहे वो माँ स्वरूप हो, गुरु हो, मित्र हो या सहचरी, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
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अपना दिल दुखाना पड़ता रिश्तों के खातिर खुद को मिटाना पड़ता उनके रहने के खातिर ख़ुद की चिंता मिटा कर उनके आराम के खातिर फिर भी रिश्ते निभाने वाले बदनाम होते है कुछ बुनियादी रिश्तों को बचाने के खातिर।। जब कुछ रिश्ते निभाना नहीं आसान होता है। तब खामोशियां ही उनका समाधान होता है।। :- काव्य पथिक Team 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अपने पराए होते बनते बिगड़ते रिश्तों की बातें, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
जब कुछ रिश्ते निभाना नहीं आसान होता है। तब खामोशियां ही उनका समाधान होता है।। :- काव्य पथिक Team 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अपने पराए होते बनते बिगड़ते रिश्तों की बातें, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
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मत रख दुनिया वाले के सामने नज़रिया बदलना पर जाता है जब बात आती है इज्जत और संस्कार पे।। हर राह की अपनी मंज़िल है, हर मंज़िल पाने का अपना जरिया है। अब किस शय में किसने क्या देखा, यह अपना अपना नज़रिया है।। :- Chidanand Pandey 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अपने अपने नज़रिए को, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
हर राह की अपनी मंज़िल है, हर मंज़िल पाने का अपना जरिया है। अब किस शय में किसने क्या देखा, यह अपना अपना नज़रिया है।। :- Chidanand Pandey 👉आइए आज लिखते हैं कुछ अपने अपने नज़रिए को, .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
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वक़्त की कदर कर ले वक़्त के रहते वरना रेत की तरह फिसल जाते है वक़्त देख कर बनाने वाले रिश्ते।। अच्छा-बुरा वक़्त की बात है और इसी से ही इंसान की जात है। वक़्त हो अच्छा तो सब पूछते हैं, ख़राब हो तो क्या औकात है।। :- Suraj Kothari 👉आइए आज लिखते हैं कुछ, वक़्त की बातें .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
अच्छा-बुरा वक़्त की बात है और इसी से ही इंसान की जात है। वक़्त हो अच्छा तो सब पूछते हैं, ख़राब हो तो क्या औकात है।। :- Suraj Kothari 👉आइए आज लिखते हैं कुछ, वक़्त की बातें .... कृपया कोलाब करके Done✔️ कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-
read moreArchana Chaudhary"Abhimaan"
आओ फिर से बच्चे बने। आओ फिर से बच्चे बन जाए हम, घर पर खूब उधम मचाए हम। बेफिक्री से यहां वहां घूमे हम, बेबाक, बिना चिंता जिये हम। बचपन में हर चीज सच्ची लगती थी, हर लोग अपने दिखते थे। सच्चाई आँखों में झलकती थी, फरेबी लोग कम ही मिलते थे। आज की दुनिया का दस्तूर है, लोग पीठ में छुरा घोपते है। फिर सामने से गले मिल, कुशल क्षेम पूछते है। किस पर विश्वास करे, किसको अपना समझे। हम तो इस उम्र में भी कच्चे है। बनते सबकी हाथ की कठपुतली है। आओ फिर से बच्चे बने। #collabchallenge #collabwithjogi #collabwithकोराकाग़ज़ #collabwithkanmani #collab_yqdidi #collab_king #collabwithyqdidi #collabwithकाव्यपथिक
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