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ग़ज़ल :- तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक

ग़ज़ल :- 

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१

खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२

हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के
डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३

करो खूब बेटी सदा नाम जग में ।
यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४

महादेव लाए घड़ी वह सुहानी ।
कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५

कली बाग की तुम हमारी हो पहली ।
तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६

खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा ।
खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७

१४/०८/२०२३    - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- 

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१

खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२
ग़ज़ल :- 

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१

खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२

हटाकर मैं काँटे तेरे रास्ते के
डगर साफ़ सुथरी दिखाने की हसरत है ।।३

करो खूब बेटी सदा नाम जग में ।
यही कीर्ति तुमको दिलाने की हसरत है ४

महादेव लाए घड़ी वह सुहानी ।
कि डोली तुम्हारी सजाने की हसरत है ५

कली बाग की तुम हमारी हो पहली ।
तुम्हें देख कर मुस्कुराने की हसरत है ।। ६

खुशी से मनाए प्रखर दिन तुम्हारा ।
खुशी आज पूरी जताने की हसरत है ७

१४/०८/२०२३    - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- 

तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है ।
जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१

खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है ।
तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२

ग़ज़ल :- तुझे ऊँचा अफसर बनाने की हसरत है । जहाँ तक पढ़े तू पढ़ाने की हसरत है ।।१ खिलों फूल सा अब हँसाने की हसरत है । तुम्हारे लिए चाँद लाने की हसरत है ।।२ #शायरी