(तालुकात) हम यू ही नही , तालुकात बढ़ाते , हम यू ही नही तेरी हर, बात पर मुस्कुराते , प्यार अगर करते हो, तो इजहार किया करो , वर्ना जहाँ हम खड़े हो, वहाँ से दुरी बनाया करो। अरुण राजपूत की कलम से ---- ©ARUN KUMAR तालुकात