शान से चमकती अभिमान से दमकती दो इठलाती भृकुटि के बीच बड़ी ही खूबसूरत लगती है उसके माथे की बिंदी नीली नीली साड़ी पर बड़ी ही फबती है उसके चेहरे पर हरी हरी बिंदी लाल ,पीली, नीली , काली और गुलाबी बिंदी प्रतीक है उसके मस्तक की स्वाभिमान उसकी बिंदी बन जाती है कभी कभी सुहाग की पहचान उसकी बिंदी रोज लगती है बड़े प्यार से दो त्यौरी के बीच मुस्कुराते हुए शान से सुंदरता और सम्मान के नाम उसकी बिंदी ✍️रिंकी उसके माथे की बिंदी शान से चमकती अभिमान से दमकती दो इठलाती भृकुटि के बीच बड़ी ही खूबसूरत लगती है उसके माथे की बिंदी नीली नीली साड़ी पर