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कयी पड़ाव पार कर के भी हाथ खाली थे,, पहले खुश थे अ

कयी पड़ाव पार कर के भी हाथ खाली थे,,
पहले खुश थे अब उदासी के शिवा कुछ भी नहीं,,
कयी चौराहे थे जिंदगी में भटक गए थे कदम,,,
आज लाचारी बेबसी ही साथी थे जिंदगी के,,,
थोड़ा और चलते पर उम्मीदें भी तो नहीं थी,,
ये उम्मीदों के शाए भी कितना साथ देते,,,

©Vickram
  हारने का दिल भी करता है कभी,,,
vickram4195

Vickram

Silver Star
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हारने का दिल भी करता है कभी,,, #शायरी

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