Nojoto: Largest Storytelling Platform

कविता को कविता रहने दो कविता को कविता रहने दो, वि

कविता को कविता रहने दो

कविता को कविता रहने दो,
विचारों को भी अब बहने दो।
रोका जो उनको अब है तुमने,
मुझे पीड़ा को उनकी सुनने दो।

बिखर गये हैं न जाने कितने,
शब्दों के वो अलंकार जितने।
कागज़ भी देखो सूना पड़ा है,
लगे हैं उसके अरमान रुकने।

बेचैनी उसकी अब बढ़ चुकी है,
देखो स्याही भी रुक चुकी है।
शब्द नहीं उस पर अब बिखरे,
किस्मत ही देखो थक चुकी है।

कागज़ देख कब से राह निहारे,
शब्दों की उस पर आए बहारें।
मत उसके तुम अर्थों को बदलो,
और उसमें अब बढ़ाओ दरारें।

कविता को कविता रहने दो,
उसको अपने में ही रहने दो।
उन्मुक्त उड़ान है उसकी देखो,
उसे भी तो अपनी कहने दो।
.........................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit 
  #कविता_को_कविता_रहने_दो #nojotohindi #nojotohindipoetry 

कविता को कविता रहने दो

कविता को कविता रहने दो,
विचारों को भी अब बहने दो।
रोका जो उनको अब है तुमने,
मुझे पीड़ा को उनकी सुनने दो।
deveshdixit4847

Devesh Dixit

New Creator

#कविता_को_कविता_रहने_दो #nojotohindi #nojotohindipoetry कविता को कविता रहने दो कविता को कविता रहने दो, विचारों को भी अब बहने दो। रोका जो उनको अब है तुमने, मुझे पीड़ा को उनकी सुनने दो। #Poetry #sandiprohila

288 Views