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Devesh Dixit
जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको साकार करना होगा। ख्यालों से बाहर निकलना होगा, उड़ान को अपनी भरना होगा। खुला आसमान है ये देखो यारों, उस आसमान को छूना होगा। लक्ष्य को भी अब तो पाना होगा, जिद्द है इसे हासिल करना होगा। रुकावटें आएँ चाहे जितनी भी, उन सबको भी पार करना होगा। धीरज को बनाये भी रखना होगा, मंजिल की ओर नित बढ़ना होगा। फ़सल कटती जैसे समय आने पर, कर्म फल ही उसके अनुसार होगा। हांँ जीत का जज्बा अब रखना होगा, क़ायम भी तो उस पर रहना होगा। छोड़ दिये हैं सारे गिले-शिक्वे पुराने, उन यादों को अब बिसराना होगा। ................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #hindinojoto जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको साकार करना होगा।
#जीत_का_जज्बा_रखना_होगा #hindinojoto जीत का जज्बा रखना होगा जीत का जज्बा रखना होगा, पीछे नहीं अब हटना होगा। रह गये पीछे जो सपने अपने, उनको साकार करना होगा।
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जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेली है किसी को कांटे तो किसी को गुलाब दिए हैं तूने अपने दामन में कई राज़ दफन किए हैं तुझे बनाना चाहता हर कोई सहेली है जिंदगी तू एक पहेली है अदभुत तेरे नज़ारे हैं उन नज़ारों में तेरे बहाने हैं ऐसे खेल तू खेली है जिंदगी तू एक पहेली है किसी को तेरी चाह है तो किसी से तू कहीं रूठी है जीवन में रात उसके घनेरी है जिन्दगी तू एक पहेली है तेरी भी एक सीमा है तू भी समय से बंधी है क्या कहूं ये क्या पहेली है जिन्दगी तू एक पहेली है .............................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जिन्दगी #nojotohindi #nojotohindipoetry जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेली है
#जिन्दगी #nojotohindi #nojotohindipoetry जिन्दगी जिन्दगी तू एक पहेली है जिसको लिया तूने आगोश में उसी के साथ तू खेली है जिन्दगी तू एक पहेली है
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रहन सहन रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली सदाचार का ऐसा पालन करना जैसे फूलों को रखे माली ईश्वर से यही प्रार्थना करना सम्मान का न हो भण्डार खाली दुनिया की न परवाह करना कि जिंदगी अनमोल तुम्हे है बितानी अपना फैसला ऐसा करना कि जिंदगी न पड़ जाए तुमको भारी परिवार को अपने संभाले रखना अहम से न हो जाए दीवार खड़ी प्रेम से डोर में बांधे रखना टूट न जाए कहीं रिश्तों की लड़ी रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली ......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #रहन_सहन #nojotohindi #nojotohindipoetry रहन सहन रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली
#रहन_सहन #nojotohindi #nojotohindipoetry रहन सहन रहन सहन तुम ऐसा रखना कि ये दुनिया बजाए ताली स्वभाव में कभी अहम न रखना कि ये जीवन जाए खाली
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मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती सब तुम्हारी करनी है आतंकवाद की बढ़ती दरिंदगी सब तुम्हारी निशानी है पाप कर्म और मक्कारी का दिया जलाया तुमने है खून बहा के निर्दोषों का धन कमाया तुमने है मुद्दा बनाके जाति - पांति का आपस में लड़वाया तुमने है उसी से भड़कती है हिंसा उसी से रोटी सेंकी है और कौन से कुकर्म हैं बाकी जो तुमने आगे करने हैं धरती माता पर और लहू की बारिश करनी तुमने है मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल झोंक कर कहां चले ……………………………. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती
#मंत्री_जी #nojotohindi #nojotohindipoetry मंत्री जी मंत्री जी ओ मंत्री जी मुंह उठा कर कहां चले धोती कुर्ता पहन के टोपी धूल उड़ा कर कहां चले अत्याचारों से लिपटी धरती
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काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास। सदुपयोग इसका करें, उनको भी है आस।। काल चक्र के देवता, देते हैं परिणाम। जिसका जैसा कर्म है, वैसा उसको दाम।। काल चक्र बलवान है, कहते सभी सुजान। विमुुख न होना तुम कभी, बनकर के अनजान।। काल चक्र से बच सका, जरा बताओ कौन। मूल्य नहीं क्यों जानते, अभी रहो तुम मौन।। .......................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #काल_चक्र #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry काल चक्र (दोहे) काल चक्र है घूमता, समझो इसका सार। देता सबको सीख है, जो माने वह पार।। रचा ईश ने जब इसे, मकसद है कुछ खास।
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White स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था देशवासियों का अपने अपमान किया था क्रांतिकारी भी जोश में थे नेता अपने होश में थे अंग्रेजों की सत्ता हिलाई थी दांतों तले उंगलियां दबवाई थी शासन अंग्रेजों का डोल गया था धीरज उनका बोल गया था क्रांतिकारियों से थर्राने लगे थे नेताओं से वो घबराने लगे थे बोरिया बिस्तरा अपना बांध लिया था एक एक अंग्रेज देश छोड़ कर भाग लिया था देश अपना तब आजाद हुआ हिंदुस्तानी अपना आबाद हुआ ध्वजारोहण तब से हुआ है 15 अगस्त विख्यात हुआ है यह राष्ट्र दिवस हमारा है हमको जां से प्यारा है ........................................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
#happy_independence_day स्वतंत्रता दिवस स्वतंत्रता पाने की खातिर कितनों के दिमाग लगे शातिर अंग्रेजों ने जब तक राज़ किया था
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युवा शक्ति युवा शक्ति क्यों भटक रही है, प्रेम जाल में उलझ रही है। संस्कारों की बली चढ़ाकर, टुकड़ों में क्यों बंट रहीं है। युवा शक्ति ने श्रम को छोड़ा, कैसे कह दूँ भ्रम को तोड़ा। खुद को ही वो अहम बताकर, संबंधों से मुंँह को मोड़ा। युवा शक्ति को जोश बड़ा है, समझें खुद को तोप बड़ा है। गलती खुद की कभी न माने, कहें बाद में दोष बड़ा है। युवा शक्ति को कहाँ होश है, बसा उनके मन में रोष है। कहती है कलयुग की माया, मेरे सिवा सब में दोष है। युवा शक्ति क्यों भटक रही है, प्रेम जाल में उलझ रही है। संस्कारों की बली चढ़ाकर, टुकड़ों में क्यों बंट रहीं है। ............................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #युवा_शक्ति #nojotohindi #nojotohindipoetry युवा शक्ति युवा शक्ति क्यों भटक रही है, प्रेम जाल में उलझ रही है। संस्कारों की बली चढ़ाकर, टुकड़ों में क्यों बंट रहीं है।
#युवा_शक्ति #nojotohindi #nojotohindipoetry युवा शक्ति युवा शक्ति क्यों भटक रही है, प्रेम जाल में उलझ रही है। संस्कारों की बली चढ़ाकर, टुकड़ों में क्यों बंट रहीं है।
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हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान हमारा है जग से ये न्यारा है हर धर्म के लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हम सब हैं भाई भाई प्रेम से मिलें लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां मौसम की देखो बहार यहां सर्दी गर्मी पतझड़ बसंत यहां ईश्वर की लीला का कमाल जहां ऐसा राष्ट्र और कहां कई पुण्यात्माओं ने जन्म लिया यहां राम और कृष्ण की जन्म भूमि यहां ऐसी पवित्र और अदभुत भूमि जहां ऐसा राष्ट्र और कहां हिन्दुस्तान हमारा है ये अभिमान हमारा है ऐसी भक्ति हो जहां ऐसा राष्ट्र और कहां ........................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #हिन्दुस्तान #nojotohindi #nojotohindipoetry हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान हमारा है जग से ये न्यारा है हर धर्म के लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां
#हिन्दुस्तान #nojotohindi #nojotohindipoetry हिन्दुस्तान हिन्दुस्तान हमारा है जग से ये न्यारा है हर धर्म के लोग जहां ऐसा राष्ट्र और कहां
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नशा (दोहे) नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग। मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।। तम्बाकू को ले रहे, समझे अपनी शान। सभी जगह पर थूकते, खोते अपना मान।। मदिरा भी शामिल वहीं, होश गँवाते लोग। अपशब्दों से तौलते, दिखता उसमें रोग।। डगमग-डगमग पैर हों, मन में भरे विकार। रिश्तों की चिंता नहीं, डालें खूब दरार।। कहती है सद्भावना, नशा करे बरबाद। छोड़ सको तो छोड़ दो, हो जाओ आबाद।। क्यों करना अब है नशा, कर दो इसका त्याग। मुक्ति केंद्र भी हैं खुले, ले लो इसमें भाग।। जीवन यह अनमोल है, मत करना उपहास। सुखमय भी यह तब रहे, हो उसमें उल्लास।। ............................................................. देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #नशा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry नशा (दोहे) नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग। मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।। तम्बाकू को ले रहे, समझे अपनी शान।
#नशा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry नशा (दोहे) नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग। मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।। तम्बाकू को ले रहे, समझे अपनी शान।
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जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।। रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान। होती पीड़ा है बहुत, मत रहना अनजान।। जीवन धारा कह रही, मत रुक ऐ नादान। चलता जा बस मार्ग पर, क्यों होता हैरान।। कांँटे भी इस पर मिलें, रहना है तैयार। जीवन ही ये जंग है, मत समझो तुम भार।। जीवन जीने की कला, समझ सके इंसान। उत्तम उससे कुछ नहीं, ये उसकी पहचान।। ............................................................ देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीवन_धारा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।। रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान।
#जीवन_धारा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry जीवन धारा (दोहे) जीवन धारा बह रही, अंत समय की ओर। जीना है इसको हमें, सुख की पकड़ो डोर।। रंज से जीवन न कटे, कहते सभी सुजान।
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