देख कर उसकी भोली सूरत दिल मचलने लग जाता है, रहता नहीं फिर दिल पर काबू दिल बेकाबू हो जाता है। बजते हैं जब उसके कंगन दिल में झंकार सी उठती है, सुनकर उसके कंगन की झंकार दिल झूम सा उठता है। उसकी चूड़ियों की खनक मेरे दिल पर दस्तक देती है, सांसे बढ़ जाती है और दिल धड़कने सा लग जाता है। चलती है जब झूमके पैरों की पैजनिया बजने लगती है, देखकर पांवों का आलता दिल दीवाना सा हो जाता है। लाल चुनरिया ओढ़ के जब वो सोलह श्रृंगार करती है, देखकर उसकी मीठी मुस्कान दिल खुशी से भर जाता है। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1039 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।