#FourLinePoetry पल्लव की डायरी खुशियोँ की मिठास, गिरवी रख बैठे है दर्द नस नस में दे बैठे है रोटियों की जुगाड़ में,मोहताज बन बैठे है मुबारक हो उनको रस गुल्ले, जो उत्साह जनता का छीन बैठे है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #fourlinepoetry दर्द नस नस में दे बैठे है #fourlinepoetry