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#अभिसार इल्तज़ा है अभिसार का सुनो स्वीकार कर लेन


#अभिसार

इल्तज़ा है अभिसार का सुनो स्वीकार कर लेना।
चांद गुलाबी हो रही है, धड़कने बेकरार कर लेना।
आ दे दूं निशानी वस्ल की ये रात है मधूर ,
बरस रही शबनम जहाँ, विसाल-ए-यार कर लेना।

अम्बिका मल्लिक ✍️

©Ambika Mallik
  #अभिसार  Mili Saha Yogita Agarwal poonam atrey MIND-TALK Sankranti  Poonam Awasthi वंदना .... Bhavana kmishra कवि संतोष बड़कुर