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जाने क्यों उलझ ही जाती है बेकार मे तकदीरें भी कभी

जाने क्यों

उलझ ही जाती है बेकार मे तकदीरें भी कभी।
ना जाने क्यों किसी से भी मिला देती है ये।
हमें तो मिलना भी पसंद नहीं आजकल। किसी
 से।
खामखां मेरा ही नुकसान करवा देती है ये

©Vickram
  कैसा मजाक है,,,
vickram4195

Vickram

Silver Star
New Creator

कैसा मजाक है,,, #शायरी

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