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एक रोज देखा था वहीं, तुम बैठी रहती थी कहीं, किसी क

एक रोज देखा था वहीं,
तुम बैठी रहती थी कहीं,
किसी के खयालों में खोई हुई,
कभी मुस्कुराती तो कभी मुरझाई हुई,
एक रोज देखा था वहीं,
तुम खोई रहती थी कहीं,
सांसों की रफ्तार कभी तेज तो कभी धीमे हुई,
वो आंखो में तेज चमक के साथ पलकें झुकाई हुई,
वो होंठों पर मुस्कान आई हुई,
वो झुमके वाले कानों पर हाथों को फेरती हुई,
एक रोज देखा था कहीं,
किसी के खयालों में खोई हुई।।

©"सीमा"अमन सिंह
  एक रोज देखा था कहीं,
किसी के खयालों में खोई हुई।।
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एक रोज देखा था कहीं, किसी के खयालों में खोई हुई।। #banarasi_Chhora #Banarasi_Chhori Nojoto #ishq

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