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बेहिसाब बरसातें और कड़कती बिजलियाँ, ला देती हैं सैल

बेहिसाब बरसातें और कड़कती बिजलियाँ,
ला देती हैं सैलाब आँखों में भी,
जब तिनका-तिनका जोड़ी हुई ज़िंदगी
बिखर जाती है,
टूटे अरमानों की तरह तितर-बितर हो कर
 यहाँ-वहाँ |

©Rajni Sardana
  #BehtaLamha #कड़कती_बिजलियाँ
#behisaab #Barsaatein