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फिर शाम होगी फिर झुण्ड लगेगा यारों का दे

फिर  शाम   होगी   फिर  झुण्ड  लगेगा  यारों   का
देखना   फिर  लौट  आयेगा  मौसम   बहारों   का

सज  -  सँवरकर   निकलेंगी   लड़कियाँ   घर   से
फिर  से   दिल   मचलेगा   हर  शाम  कुँवारों  का

दीपावली  भी  सजायेंगे   और   ईद  भी  मनायेंगे
फिर   से  मज़ा   लूटेंगे   हम   सारे  त्योहारों   का

क्या  हुआ  गर   बच  निकले  यहाँ  अदालतों  से
खुदा की कचहरी में हिसाब होगा  गुनहगारों  का

जब बोलकर ही कहना पड़ा दिल का हाल तुमसे
बताओ क्या  लाभ  हुआ  उन  इतने  इशारों  का

'गुरविंदर'  आज  नहीं  तो  कल  कोई  तो  होगा
ख़रीददार    तेरे    इन    कीमती    विचारों    का

©Gurvinder Matharu
  Weather of Spring
#DesiPoet
gurvindermatharu5678

Honey Honey

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Weather of Spring #desipoet #शायरी

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