ग़ज़ल आपके जन्मदिन का मौका है । प्यार अपना सुनो ये तोफा है ।।१ क्या कहूँ इस सफ़र में मैं आगे । राह तूने ही आज मोड़ा है ।।२ जो मिला आपसे मुझे अब तक बोलते आज सब ही धोखा है ।।३ हार कर बैठ फिर गया मैं भी । दिल पे मेरे पड़ा हथोड़ा है ।।४ लड़ तो सकता था मैं जमाने से । राह तूने ही अब न छोड़ा है ।।५ आज मर भी नहीं सका तुम बिन । हाल वो करके तूने छोड़ा है ।।६ बह रहे अश्क़ आज आँखों से । रक्त भी इस तरह निचोड़ा है ।७ कुछ कसर आपने नहीं छोड़ी । इस तरह दिल हमारा तोड़ा है ।।८ मान ले बात अब प्रखर दिल की । प्यार की राह में ही रोड़ा है ।।९ १४/०२/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल आपके जन्मदिन का मौका है । प्यार अपना सुनो ये तोफा है ।।१