कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी चुपके से हम मिले

कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी
चुपके से हम मिले,प्यार बड़ गया था कभी
दुख सुख के साथी बने थे हम दोनो कभी
राते गुजारा करते थे एक दुजे के वियोग मे कभी
गम और खुशी के पकोड़े हमने खाये थे कभी
अब कहां गये वो दिन वो राते..बिछढ़ गयी मुझसे
अब देखते है मिल जाये दुसरा प्यार कभी कही...!!

©HARSHIT369 #पुराना प्यार प्यार पर कविता
कभी किसी रोज बात तुमसे हुई थी कभी
चुपके से हम मिले,प्यार बड़ गया था कभी
दुख सुख के साथी बने थे हम दोनो कभी
राते गुजारा करते थे एक दुजे के वियोग मे कभी
गम और खुशी के पकोड़े हमने खाये थे कभी
अब कहां गये वो दिन वो राते..बिछढ़ गयी मुझसे
अब देखते है मिल जाये दुसरा प्यार कभी कही...!!

©HARSHIT369 #पुराना प्यार प्यार पर कविता
shreehariadhikar2146

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