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माँ-बाप का आशीर्वाद ~~~~~~~~~~~~~~~~ नामुमकिन भी

माँ-बाप का आशीर्वाद
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नामुमकिन भी सदा मुमकिन होता है
आशीर्वाद जब माँ-बाप का होता है

चाहे कितना भी, मुख फेरा हो जमाने ने 
माँ-बाप की कृपा में, आशीष रब का होता है

चाहे कितने भी, उँचे शिखर हो पर्वतों के
माँ-बाप की शाबाशी से, बुलंद फतह लहू होता है

चाहे कितने भी, दूर हो हम सभी नज़रों से 
माँ-बाप की सदा, मौज महर चाँदनी होती है

चाहे कितने भी, उँचे सिर हो दुश्मनों के
माँ-बाप की दुआ से, झुका आसमान भी होता है

चाहे राह-ए-मंजिल में, हो कितने भी शूल अंगारे
माँ-बाप की फुफकारों से, खिले प्रसून खुशियों के होते हैं

चाहे कितने भी, अभिशाप हो काले सायों के
माँ-बाप की सदाओं को, सुनने खड़ा खुदा होता है 

नामुमकिन भी सदा मुमकिन होता है
आशीर्वाद जब माँ-बाप का होता है
 #माँबाप #आशीर्वाद #हिंदी_कविता #glal #yqdidi #restzone #rzलेखकसमूह
माँ-बाप का आशीर्वाद
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नामुमकिन भी सदा मुमकिन होता है
आशीर्वाद जब माँ-बाप का होता है

चाहे कितना भी, मुख फेरा हो जमाने ने 
माँ-बाप की कृपा में, आशीष रब का होता है

चाहे कितने भी, उँचे शिखर हो पर्वतों के
माँ-बाप की शाबाशी से, बुलंद फतह लहू होता है

चाहे कितने भी, दूर हो हम सभी नज़रों से 
माँ-बाप की सदा, मौज महर चाँदनी होती है

चाहे कितने भी, उँचे सिर हो दुश्मनों के
माँ-बाप की दुआ से, झुका आसमान भी होता है

चाहे राह-ए-मंजिल में, हो कितने भी शूल अंगारे
माँ-बाप की फुफकारों से, खिले प्रसून खुशियों के होते हैं

चाहे कितने भी, अभिशाप हो काले सायों के
माँ-बाप की सदाओं को, सुनने खड़ा खुदा होता है 

नामुमकिन भी सदा मुमकिन होता है
आशीर्वाद जब माँ-बाप का होता है
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