Nojoto: Largest Storytelling Platform

ग़ज़ल न मुश्किल समझ अब मुलाकात करना । मगर सोच ले दि

ग़ज़ल

न मुश्किल समझ अब मुलाकात करना ।
मगर सोच ले दिल तू क्या बात करना ।।

बुरा मत समझ तू यहाँ काम कोई ।
मिले काम जो भी शुरूआत करना ।।

न सोचा हुआ है जहाँ में किसी का ।
तो फिर क्यों खुदा से सवालात करना ।।

किसी के लिए मत परेशान होना ।
खुदा जानता है कहाँ रात करना ।।

चले काम जैसे चला ले यहाँ तू ।
नहीं स्वार्थ में तू कभी घात करना ।।

सँभल कर रहो लोग मीठे बहुत हैं ।
बयाँ उनसे दिल के न जज़्बात करना ।।

प्रखर चाहते हो अगर तुम सिया को ।
नहीं दूर उसके ख़यालात करना ।।

२८/०२/२०२४    -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 
ग़ज़ल

न मुश्किल समझ अब मुलाकात करना ।
मगर सोच ले दिल तू क्या बात करना ।।

बुरा मत समझ तू यहाँ काम कोई ।
मिले काम जो भी शुरूआत करना ।।
ग़ज़ल

न मुश्किल समझ अब मुलाकात करना ।
मगर सोच ले दिल तू क्या बात करना ।।

बुरा मत समझ तू यहाँ काम कोई ।
मिले काम जो भी शुरूआत करना ।।

न सोचा हुआ है जहाँ में किसी का ।
तो फिर क्यों खुदा से सवालात करना ।।

किसी के लिए मत परेशान होना ।
खुदा जानता है कहाँ रात करना ।।

चले काम जैसे चला ले यहाँ तू ।
नहीं स्वार्थ में तू कभी घात करना ।।

सँभल कर रहो लोग मीठे बहुत हैं ।
बयाँ उनसे दिल के न जज़्बात करना ।।

प्रखर चाहते हो अगर तुम सिया को ।
नहीं दूर उसके ख़यालात करना ।।

२८/०२/२०२४    -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 
ग़ज़ल

न मुश्किल समझ अब मुलाकात करना ।
मगर सोच ले दिल तू क्या बात करना ।।

बुरा मत समझ तू यहाँ काम कोई ।
मिले काम जो भी शुरूआत करना ।।

ग़ज़ल न मुश्किल समझ अब मुलाकात करना । मगर सोच ले दिल तू क्या बात करना ।। बुरा मत समझ तू यहाँ काम कोई । मिले काम जो भी शुरूआत करना ।। #शायरी