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रिश्ते निभाएं कैसे .. By D. Gopatwar ✍️ __________

रिश्ते निभाएं कैसे ..
By D. Gopatwar ✍️
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                          ये दुनिया ये लोग ...झूटे चेहरे इनके .......l
      वो कागज की कश्ती उस पर बिठाकर 
      मंजिल दिखाने के बाते इनके....l

D। Gopatwar

ये रास्ते ये सफर , ये जाने अंजाने लोग ,
               इनकी बात मैं मान लू कैसे  !
     झूठे बोल झुटी बाते सच मान लूं कैसे l

                "   ये लोग उनके दिए जख्म , मरहम लगा ने की बात उनकी  " 
                   इनकी बातों में , मैं आऊं कैसे...
            ये लोग वो चेहरे ऊनकी बात सच मान लूं कैसे !

    बातें उनकी जैसे तलवार की भांति , आदत मेरी कम बोलने की 
    सच बोलने की सरल बोलने की....l
    ये लोग ...मुझे..नासमझ समझ बैठे ।
इन्हे समझाए कैसे l


    
    कहते वे की पानी तरह शांत रहता हु , चलो इसपर आग बरसाये, 
          नादान है भूल गए पानी के आगे आग की नही चलती l
    
 DlGopatwar

             वही लोग वही बाते इनके दर्द भुलाऊं कैसे   !
             भुला दर्द फिर से दे मारते है , रिश्ते निभाए कैसे ,
             ये लोग ये चेहरे , बाते इनकी सच मान लूं कैसे l
                   
                   झूठे लोग झुटी बोल सच मान लूं कैसे
तीखे लोग तीखी बाते , रिश्ते निभाएं कैसे ....l

©Dharmendra Gopatwar रिश्ते निभाएं कैसे...✍️
रिश्ते निभाएं कैसे ..
By D. Gopatwar ✍️
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                          ये दुनिया ये लोग ...झूटे चेहरे इनके .......l
      वो कागज की कश्ती उस पर बिठाकर 
      मंजिल दिखाने के बाते इनके....l

D। Gopatwar

ये रास्ते ये सफर , ये जाने अंजाने लोग ,
               इनकी बात मैं मान लू कैसे  !
     झूठे बोल झुटी बाते सच मान लूं कैसे l

                "   ये लोग उनके दिए जख्म , मरहम लगा ने की बात उनकी  " 
                   इनकी बातों में , मैं आऊं कैसे...
            ये लोग वो चेहरे ऊनकी बात सच मान लूं कैसे !

    बातें उनकी जैसे तलवार की भांति , आदत मेरी कम बोलने की 
    सच बोलने की सरल बोलने की....l
    ये लोग ...मुझे..नासमझ समझ बैठे ।
इन्हे समझाए कैसे l


    
    कहते वे की पानी तरह शांत रहता हु , चलो इसपर आग बरसाये, 
          नादान है भूल गए पानी के आगे आग की नही चलती l
    
 DlGopatwar

             वही लोग वही बाते इनके दर्द भुलाऊं कैसे   !
             भुला दर्द फिर से दे मारते है , रिश्ते निभाए कैसे ,
             ये लोग ये चेहरे , बाते इनकी सच मान लूं कैसे l
                   
                   झूठे लोग झुटी बोल सच मान लूं कैसे
तीखे लोग तीखी बाते , रिश्ते निभाएं कैसे ....l

©Dharmendra Gopatwar रिश्ते निभाएं कैसे...✍️

रिश्ते निभाएं कैसे...✍️ #जीवनअनुभव