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तेरे इश्क में सहे हमने जाने कितने सितम फिर भी मुस्

तेरे इश्क में सहे हमने जाने कितने सितम
फिर भी मुस्कुराके सब सहते रहे ए सनम।

खता कुछ हमी से हुई होगी जो खफ़ा है वो
वरना बेवफ़ा तो नही होता वो मेरा हमदम।

जन्म जन्मों का रिश्ता एक पल में गंवाया,
न वफा तुम निभा सके, न निभा सके हम।

इश्क़ में मजबूरियाँ तोड़ देती है दिल को ,
दिल टूटने वाले फिर रोज मनाते हैं मातम।

न लगाना 'स्नेहा'किसी पे टूटे दिल का इल्जाम,
अब मुस्कुरा के लगाना है हर ज़ख्म पे मरहम। #स्नेहा_अग्रवाल
#मैं अनबूझ पहेली
तेरे इश्क में सहे हमने जाने कितने सितम
फिर भी मुस्कुराके सब सहते रहे ए सनम।

खता कुछ हमी से हुई होगी जो खफ़ा है वो
वरना बेवफ़ा तो नही होता वो मेरा हमदम।

जन्म जन्मों का रिश्ता एक पल में गंवाया,
न वफा तुम निभा सके, न निभा सके हम।

इश्क़ में मजबूरियाँ तोड़ देती है दिल को ,
दिल टूटने वाले फिर रोज मनाते हैं मातम।

न लगाना 'स्नेहा'किसी पे टूटे दिल का इल्जाम,
अब मुस्कुरा के लगाना है हर ज़ख्म पे मरहम। #स्नेहा_अग्रवाल
#मैं अनबूझ पहेली