2122 1212 22 शहरे दिल में ये तीरगी क्यों है पास हो कर तू अजनबी क्यों है पहले बेख़ौफ़ दिल धड़कता था दिल की धड़कन अभी रुकी क्यों है लौट कर आ तो तू गई हमदम फिर भी लगती तिरी कमी क्यों है चाँद को ढक दिया है बादल ने चाँद की आँख में नमी क्यों है तुम "सफ़र" रौशनी को फैलाओ फैली हर ओर तीरगी क्यों है ग़ज़ल 24/2022 #सफ़र_ए_प्रेरित #gazal #yqbaba #yqdidi #shayari #philosophy #love ashish malik