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गुनगुनाती शाम दबे पांव चली आयी है , जेहन में ग़ज़ल

गुनगुनाती शाम दबे पांव चली आयी है ,
जेहन में ग़ज़ल तो जुबां पे एक रुबाई है ,
आज लगता है कि वो कह देंगे दिल की,
नजरों से छलकती उनकी बेहयायी है ।।

©Dinesh Paliwal
  #rubai #behayai