Nojoto: Largest Storytelling Platform

सजल ~~~~ हाँ गाँठ पड़ रही है धागों में। महक कम ह


सजल
~~~~

हाँ गाँठ पड़ रही है धागों में।
महक कम हो रही है बागोंं में।।

बिगड़ रहा है तालमेल मन का।
बिगड़ रही है सरगम रागों में।।

मारकर मन को रहते हैं सभी।
बँटी हुई हैं रूहें भागों में।।

बच्चें भी बात नहीं करते हैं।
विष दिया जाता है परागों में।।

रहा नहीं है भरोसा किसी का।
मनुज शुमार हुआ है नागों में।।

@ गोपाल 'सौम्य सरल'

 #जिन्दगी #नरशैतान #मनुष्यऔरपर्यावरण #glal #yqdidi #कोराकाग़ज़ #सजल

सजल
~~~~

हाँ गाँठ पड़ रही है धागों में।
महक कम हो रही है बागोंं में।।

बिगड़ रहा है तालमेल मन का।
बिगड़ रही है सरगम रागों में।।

मारकर मन को रहते हैं सभी।
बँटी हुई हैं रूहें भागों में।।

बच्चें भी बात नहीं करते हैं।
विष दिया जाता है परागों में।।

रहा नहीं है भरोसा किसी का।
मनुज शुमार हुआ है नागों में।।

@ गोपाल 'सौम्य सरल'

 #जिन्दगी #नरशैतान #मनुष्यऔरपर्यावरण #glal #yqdidi #कोराकाग़ज़ #सजल