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Sweta

🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #मनुष्यऔरपर्यावरण

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मनुष्य और पर्यावरण का अन्तःकरण कोई समझ पाया,
क्या  मानव  अपनी  हरकतों  से  बाज  आया  है

आज भी कूड़े कचरों  को नदियों में खूब  बहाता है
उसी जल से मवेशियों और पूजा - पाठ ये  करता है 

तो कभी पेड़ - पौधों को काट कर क्रूरता दिखाता  है
अपने ऐसो आराम के चक्कर में सब कुछ भूल जाता है

पर्यावरण स्वछता अभियान बस कागजों पर रह जाता है
Queen"कब संभलेंगे मनुष्य मुझे समझ ना आता है!!! 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।

Insprational Qoute

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मनुष्य और पर्यावरण यह हैं एक दुजे के आश्रित आवरण,
एक  दूजे के लिए है इन्हें जीवन जीना,
एक देता ऑक्सीजन तो दूजा देता कार्बनडाइऑक्साइड,
मानव और पर्यावरण दोंनो को मिलकर आहार श्रृंखला को आगे बढ़ाना हैं,
भूल कर भी इनके साथ न खिलवाड़ करना हैं,
मानव तू कर पर्यावरण का संरक्षण, नही करना तुम इसका भक्षण,
करना तुम एक उपकार, प्रकृति की करो बस जय जय कार,
पर्यावरण को बचाना हैं ,हर एक को सहयोग दिखाना हैं।
 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

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Gopal Lal Bunker


सजल
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हाँ गाँठ पड़ रही है धागों में।
महक कम हो रही है बागोंं में।।

बिगड़ रहा है तालमेल मन का।
बिगड़ रही है सरगम रागों में।।

मारकर मन को रहते हैं सभी।
बँटी हुई हैं रूहें भागों में।।

बच्चें भी बात नहीं करते हैं।
विष दिया जाता है परागों में।।

रहा नहीं है भरोसा किसी का।
मनुज शुमार हुआ है नागों में।।

@ गोपाल 'सौम्य सरल'

 #जिन्दगी #नरशैतान #मनुष्यऔरपर्यावरण #glal #yqdidi #कोराकाग़ज़ #सजल

ashutosh anjan

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जिसने दिए तुझे लता,विटप और फल,फूल और छाया,
जिसने तेरे मरने पर सबसे पहले ख़ुद को अग्नि में जलाया।
उस वृक्ष के मरने पर कोई ख़बर क्यो नही आती है,
हे! मानव जिसने तुझे जीवन दिया,तू उसका भी न हो पाया...।

समर शेष है,मौसम की शीतलता अभी बाक़ी है,
जल के कमी की परिणति क्या तूने आँकी है।
जल, वायु, धरा, गगन और अग्नि समेत ये पंच प्रकृति का है आधार,
अंतोगत्वा ख़त्म हो जीवन माँग क्षमा पर्यावरण से कर ले भूल सुधार।

  🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

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भाग्य श्री बैरागी

🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #मनुष्यऔरपर्यावरण

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शीतल पवन हो या बारिश की बूंदे, दोहन सबका जानते हो,
मनुष्य पर्यावरण से माँ-बाप का सा रिश्ता क्यों नहीं निभाते हो?
कचरे का अंबार लगया, अपने आप को हर दफा दानव क्यों बनाते हो
सुन्दर आवरण के थोड़े रक्षक भी बन जाओ नफा नुकसान हमेशा क्यों उठाते हो?
रोद्र रूप बनाए शिव जैसा तब ही क्यों सब समझते हो,
अपने आप को बोझ बना प्रकृति को तुम क्या समझते हो?
आयेगा किसी रोज़ फिर प्रलय भी तुम्हारी आदतों से,
इतना सितम ढ़ा सजीवों पर, ख़ुद बर्बरता से परेशान क्यों नहीं होते हो? 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

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Divyanshu Pathak

🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #मनुष्यऔरपर्यावरण

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पर्यावरण जीवन को अनुकूलन सिखाता है।
सृष्टि के सभी जीवों को समता दिखाता है।
एक उदाहरण से समझिए द्वेत प्रकृति भाव!
छिलके फलों पर लगाए ताकि खा सकें!
मनुष्य के साथ वन्य और पालतू पशु भी।
काँटे बचाकर रखते देर तक सूखे में नमी!
फूल बाँटते रहते लगातार सुगंधित वायु।
पर्यावरण है तो मनुष्य है नही तो कुछ नही। 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

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i am Voiceofdehati

पृथ्वी, चंद्रमा और मनुष्य के प्रति मनुष्य के महात्वाकांक्षी दृष्टिकोण को परिभाषित करती ये चंद लाइनें.... जरूर पढ़े— वो जो ज्यादा दूर है हमारी पहुंच से कितना मनोहर लगता है वो जो पास है हमारे रहने को न मन करता है #lifequotes #yqdidi #restzone #voiceofdehati #मनुष्यऔरपर्यावरण #कीमत_जिंदगी_की #yqsnatni #चांद_में_दाग

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वो जो ज्यादा दूर है
हमारी पहुंच से
कितना मनोहर लगता है
वो जो पास है हमारे 
रहने को न मन करता है
जहां तू रह रहा जिसके साथ
उसके बारे में न सोचा कभी
उससे अच्छे की उम्मीद में
उसकी अच्छाइयों को नोचा बहुत
उस दूर वाले को जब तक 
दूर है तू उसे अच्छा ही कहेगा
उस दूर वाले के साथ रहकर 
कुछ दिनों में
तू उसी सोच को आजमाएगा
जिस सोच को,पुष्पित कर रहा
यहां पर जो तुझे आज तक 
जिंदा रखे हुए है... पृथ्वी, चंद्रमा और मनुष्य के प्रति मनुष्य के महात्वाकांक्षी दृष्टिकोण को परिभाषित करती ये चंद लाइनें....
जरूर पढ़े—

वो जो ज्यादा दूर है
हमारी पहुंच से
कितना मनोहर लगता है
वो जो पास है हमारे 
रहने को न मन करता है

Monali Sharma

🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #मनुष्यऔरपर्यावरण

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चलो आओ सारे मिलकर एक खूबसूरत जहांँ बनाते हैं
अपने कर्मो से, अपने अच्छे विचारों को सजाते हैं
सिर्फ बातों में नहीं, हक़ीक़त में भी कर कर दिखाते हैं
अपने वातावरण को, पूर्ण रूप से शुद्ध बनाते हैं
एक सही क़दम, अपने पर्यावरण के लिए उठाते हैं
थोड़े फूल पौधों से, अपनी नई दुनिया बसाते हैं
यूं बेफिजूल में हम, अपना भला समय क्यों गंवाते हैं
एक संकल्प से, आओ हम मिलकर पर्यावरण दिवस मनाते हैं
 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।

Sangeeta Patidar

🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #sangeetapatidar #कोराकाग़ज़ #मनुष्यऔरपर्यावरण

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पर्यावरण और मनुष्य को लेकर, कहने को कुछ बाकी न रहा,
है वो तो इंसान अनोखा, समझाने को अब कुछ बाकी न रहा।

देखकर कुदरत का प्रकोप, अनदेखा ही तो कर रहा है इंसान, 
इससे भी जब सीख-समझ नहीं,बताने को कुछ बाकी न रहा। 

कर रहा है अपने मन की, इतना भी अनजान न होगा ख़ुदा से, 
झूमो एक दिन, होगा रोज़ का हिसाब, कि  कुछ बाकी न रहा। 

रह लो जितना भी रहना है तुमको दीन-दुनिया से यूँही बेख़बर,
जाने-अनजाने का भुगतोगे अब, कहने को कुछ बाकी न रहा। 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है।

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Shankki Sharma

🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #कोराकाग़ज़ #मनुष्यऔरपर्यावरण

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मनुष्य से मनुष्य को ख़तरा है
मनुष्य से पर्यावरण को ख़तरा है
मनुष्य से जानवरों को ख़तरा है
मनुष्य से धरती आकाश को ख़तरा है
इस क़दर हो गया है क्रूर मनुष्य आजकल
की मनुष्य से हर एक चीज़ को ख़तरा है। 🎀 Challenge-225 #collabwithकोराकाग़ज़

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🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।
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